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#RIP का मतलब ...??
हमनें अक्सर देखा है कि किसी की भी मृत्यु की खबर जैसे ही आती है तो अधिकतर लोग #_RIP लिखकर भेजने लगते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर "RIP" का प्रयोग तो अच्छे-अच्छे पढ़े-लिखे लोग भी बिना इसके सही अर्थ को जाने, बिना सही भाव को समझे करते हैं। एक-दूसरे को देख के "RIP" लिखने कहने की होड़ लग जाती है लाइन लग जाती है।

आखिरकार ये "RIP" है क्या ?
आजकल देखने में आया है कि किसी मृतात्मा के प्रति RIP लिखने का #फैशन सा चल पड़ा है। ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि #कान्वेंटी_दुष्प्रचार तथा #विदेशियों की नकल के कारण हमारे युवाओं को #धर्म के मूल विचार या तो पता ही नहीं हैं, अथवा अप्राकृतिक हो चुके हैं।

"RIP" शब्द का अर्थ होता है #Rest_in_Peace (शान्ति से आराम करो ) यह शब्द उनके लिए उपयोग किया जाता है जिन्हें #कब्र में दफनाया गया हो, क्योंकि #ईसाई अथवा #मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार जब कभी #जजमेंट_डे अथवा #क़यामत_का_दिन आएगा उस दिन कब्र में पड़े ये सभी #मुर्दे पुनर्जीवित हो जाएंगे। अतः उनके लिए कहा गया है, कि उस क़यामत के दिन के इंतज़ार में "शान्ति से आराम करो"।

लेकिन #हिन्दू_धर्म की मान्यताओं के अनुसार शरीर #नश्वर है, #आत्मा अमर है इसलिये हिन्दू शरीर को जला दिया जाता है, अतः उसके "Rest in Peace" का सवाल ही नहीं उठता। हिन्दू धर्म के अनुसार मनुष्य की मृत्यु होते ही आत्मा निकलकर किसी दूसरे नए जीव/ काया/ शरीर/ नवजात में प्रवेश कर जाती है। उस आत्मा को अगली यात्रा हेतु गति प्रदान करने के लिए ही #श्राद्धकर्म की परंपरा का निर्वहन एवं #शान्तिपाठ आयोजित किए जाते हैं।

अतः किसी हिन्दू मृतात्मा हेतु #विनम्र_श्रद्धांजलि, #ॐ_शांति, #श्रद्धांजलि, #आत्मा_को_सदगति_प्रदान_करें जैसे वाक्य लिखे जाने चाहिए। जबकि किसी "मुस्लिम" अथवा "ईसाई" मित्र के परिजनों की मृत्यु उपरांत उनके लिए "RIP" लिखा जा सकता है।

होता भी यह है कि श्रद्धांजलि देते समय भी हम शॉर्टकट (?) अपनाने की आदत से हममें से कई मित्र हिन्दू मृत्यु पर भी "RIP" ठोक आते हैं। यह विशुद्ध "#अज्ञान और #जल्दबाजी" है, इसके अलावा कुछ नहीं।

अतः- आप सभी कोशिश करें कि भविष्य में यह गलती ना हो एवं हम लोग "दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि" प्रदान करें ना कि उसे "RIP" (Apart)
निवेदन है कि अगली बार लिखने से पहले विचार करें