ग्वालियर/भिण्ड। शहर में फैली पुरा संपदा और प्राचीन स्मारक अब विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करने लगी है। शनिवार को बरसों बाद शहर के हृदयस्थल पर स्थित लगभग ६०० साल पुराने ऐतिहासिक भिण्ड दुर्ग को देखने के लिए दो विदेशी पर्यटकों का पदार्पण हुआ। उन्होंने दुर्ग तथा उसके मध्यभाग में स्थित म्यूजियम के निर्माण शिल्प का दो घंटे तक दुर्ग परिसर में ही बैठकर अपनी ड्राइंग बुक पर इलस्ट्रेशन किया तथा किले के विभिन्न प्रकार के कैरीकेचर बनाए। इस दौरान कई स्थानीय युवकों ने उनके साथ सेल्फी भी लीं।
युवा पर्यटक डेमन कोर्वास्की मेलबोर्न आस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं, जबकि उनके साथ आई युवती ह्युआन जूकिम दक्षिण कोरिया की हैं।दोनों पेशेवर फाइन आर्टिस्ट हैं और पुरातात्विक तथा प्राचीन ऐतिहासिक धरोहरों और स्मारकों के इलस्ट्रेशन और उनके चित्र धातु की प्लेटों तथा कांच आदि हार्ड मटीरियल पर उकेरने में माहिर हैं।
कोर्वास्की मेलबोर्न में एक आर्ट गैलरी भी चलाते हैं। शैक्षिक शोधकार्य के लिए वह दो माह के टूरिस्ट वीजा पर भारत आए हैं। वह यहां की विभिन्न जगहों के ऐतिहासिक स्मारकों की ड्राइंग बना रहे हैं। दो दिन पहले वह लखनऊ और आगरा में थे। यहां पर्यटन स्थलों का भ्रमण करते हुए उन्होंने दीपावली भी मनाई। वह शनिवार सुबह भिण्ड पहुंचे थे। रविवार २२ अक्टूबर को वह भिण्ड जिले के अटेर कस्बे में स्थित ऐतिहासिक देवगिरि दुर्ग और नेशनल चंबल घडिय़ाल सेंचुरी को देखने जाएंगे।