Sudheer Sharma's Album: Wall Photos

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कहते हैं कि जब अशफ़ाक़ और बिस्मिल को फाँसी होने में कुछ दिन बाक़ी थे, तो अशफ़ाक़ की आँखो में बिस्मिल ने आँसू देखे। बिस्मिल ने पूछा - "अरे! अशफ़ाक़ जैसा जाँबाज़ दोस्त और फाँसी का डर?"
अशफ़ाक़ बोले - "डर? नहीं दोस्त, मैं तो यह सोच कर रो रहा हूँ, कि जल्द ही हमें फाँसी हो जाएगी और मेरे धर्म में पुनर्जन्म का उल्लेख नहीं है। तुम जिस धर्म में हो, उसमें इस देश पर शहीद होने के लिए कई बार जन्म ले सकते हो!" ऐसे जज़्बे वाली अशफ़ाक़-बिस्मिल की जोड़ी हर युग में हिन्दुस्तान के पास हो, ऐसी ईश्वर से प्रार्थना है।
अमर शहीद रामप्रसाद 'बिस्मिल', जिन्होंने एक तरफ तो राष्ट्र-स्वाधीनता-यज्ञ में हँसते-हँसते अपने प्राणों की आहुति दे दी और दूसरी तरफ़ उनके शब्दों और उनकी रचनाओं ने देश भर के युवाओं को लगातार जागृत किए रखा! उनके शब्द-बीज ने हज़ारों 'बिस्मिलों' को पैदा कर दिए। आज, उनके जन्मदिवस पर उनको आकाश भर नमन!