एक हथिनी की दुर्दांत हत्या पर अपनी स्वाभाविक मानवीय संवेदनाओं को साहित्यिक भाषा में सजाकर इतिश्री की जा सकती है । लेकिन अगर ऐसे कीटाणुओं से समाज को निजात दिलाना है तो आपको यथार्थ में उतरना होगा और यथार्थ ये है कि जहां अनानास में रखकर पटाखे दिए गए, वहां की शत प्रतिशत जनता को शिक्षित कहा जाता है। परंतु वह जिला सरकारी आंकड़ों में देश का सबसे हिंसक जिला है,ISIS को सबसे ज्यादा लड़ाकू सप्लाई करता है और केरल का मिनी पाकिस्तान कहलाता है।
यथार्थ ये भी है कि वहां से हर साल ऐसी खबरें आती हैं कभी एक साथ सैकड़ों चिड़ियों को मारने के लिए सड़कों पर जहर पाउडर का झिड़काव कर दिया गया,कभी कुत्तों को हथौड़े से पीटकर मार दिया गया आदि। ऐसा लगता है कि ये सब उनके किसी कोर्स को पूरा करने का माध्यम भर है।
यथार्थ ये भी है कि हाथी हिन्दू मान्यताओं में विशेष रूप से पूज्य जीव है (यद्यपि सनातनियों के लिए सभी जीव-जंतु पूज्य हैं) और कौन नहीं जानता कि बीफ फेस्टिवल हो, सड़क पर सामूहिक गौहत्या हो केरल हिन्दू-घृणा का चरम छू चुका है।
उत्तराखंड में एक घोडे शक्तिमान की टांग टूटने ओर विधवा विलाप करने वाले लिबरल गैंग के चूड़ियां तोड़ने की आवाज़ें अब नहीं आएं