हमें हमारे इतिहास में हमेशा से ही यह पढ़ाया सिखाया जाता है की, भारतवर्ष भूखे नंगे व सपेरों का देश है।
लें मुझे यह समझ नहीं आता की बिना किसी उन्नत तकनीक के ये भूखे नंगे लोग इतनी सटीक वास्तुकला कैसे बना सकते हैं? क्या आपके पास है कोई जवाब? या फिर अभी भी आप उन्हीं के लिखे इतिहास का पालन करेंगे?
We want change ! कहता है भारत
हमें इस झूठे इतिहास को बदलने की जरुरत है। क्या आप सहमत हैं ?
तस्वीर- पत्थर का सीना चीर कर बनाई गई एक 3D प्रतिमा