नीरज कुमार भारद्वाज's Album: Wall Photos

Photo 27 of 37 in Wall Photos

सुबह होती है शाम होती है उम्र यूं ही तमाम होती है...

जब मन में कोई उमंग ना हो तो आदमी कोई भी काम करने पर तुरंत थक जाता है....?

हालांकि अपन अंदर से बहुत स्ट्रॉन्ग है बाहर से जितना देखने में लगता है लगभग उतना ही।
लेकिन आजकल बहुत जल्दी छोटी-छोटी बातों पर फर्स्टेट हो जाता हूं....?
आज कल मैं काम से जरा सा फुर्सत मिलते ही तुरन्त घर भागने की कोशिश करता हूं पहले आराम से घूमते टहलते दुनिया का हवा पानी लेते घर आता था।

अब मार्केट में जरा सा भी रहने का ऑफिस में जरा सा भी बैठने का या किसी साइड पर ज्यादा देर रुकने का इच्छा नहीं करता...?
घर आकर टीवी देखना या किताबें पढ़ना इन दोनों से मन भर जाए तो सोशल मीडिया पर कुछ से कुछ लिखते रहना यह तीनों काम आज कल मुझे बहुत अच्छे लग रहे हैं....?
ऐसा क्यों हो रहा है मैं समझ नहीं पा रहा जबकि बाहर आनेको लोग मिलते हैं घर में तो मैं अकेला हूं...?

मुझे लगता है कहीं ये कोई बीमारी का तो लक्षण नहीं है शायद.....?
या तो मैं धीरे-धीरे पागल हो रहा हूं या फिर मुझे किसी से लगाव हो गया है....?
हालांकि दूसरी बात की संभावना कम है क्योंकि मेरे ऐसा आदमी जो पत्थर मन का हो वह किसी से प्यार कर ही नहीं सकता जब आज तक नहीं हुआ तो बुढ़ापे में क्या करेगा पहली संभावना ही बन रही है या फिर हो सकता है मुझे खुद अपने आप से प्यार हो गया हो।

नीरज कुमार भारद्वाज