#आर्य_सन्यासी_की_वीर_गाथा
जब नेहरु को गाल पर पडा था एक चांटा..!!
भारत की चीन से हार के बाद... अजमेर के एक कार्यक्रम मे PM नेहरू आए... वेद संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए.. नेहरू ने कहा, "इस देश में हमेशा से ही शरणार्थियो का स्वागत किया गया हैं। यहां शक आए, हूण आए, मुस्लिम आए, अंग्रेज आए, आर्य आए और यहा की संस्कृति मे घुलमिल गए।"
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य अतिथि आर्य संन्यासी स्वामी विद्यानन्द विदेह अपने मंच से उठे और नेहरू को जोरदार थप्पड जड दिया..!! और माइक अपनी ओर करके संन्यासी बोले... "आर्य कही से आए नही, यही के मूल निवासी है। सबूत मे हूं... मेरे बाप-दादा सब यही पैदा हुए... उनके बाप- दादा सब यही पैदा हुए, लेकिन आप इस देश के मूल निवासी नही... आपकी रगो मे हिन्दुस्तानी नही अरबी ख़ून हैं। आपकी जगह पटेल प्रधनमंत्री होते तो हम चीन से हारते नहीं, वरन तिब्बत भी भारत का अभिन्न अंग होता।"
(विदेह गाथा: एक आर्य संन्यासी की डायरी, पृष्ठ 637 संस्करण भाद्रपद 2037 विक्रमी...से साभार)
(बाद मे इन आर्य संन्यासी ने एक किताब लिखी नेहरू : उत्थान और पतन... जो 1963 मे बैन हो गई थी।)