Ghanshyam Prasad's Album: Wall Photos

Photo 93 of 5,346 in Wall Photos

अब हम चीन की सरकार को क्या जवाब देंगे ............एक कायर गनफट रक्षा मंत्री का भारतीय वायु सेना के वेस्टर्न एयर कमांड के चीफ से सवाल ........

कांग्रेस और मक्कार देशद्रोही नेहरु गांधी परिवार ने किस तरह भारत चीन सीमाओं की सुरक्षा को कमजोर किया था इसकी एक बानगी देखिये

समय था वर्ष 2008 का और भारत में उस समय कांग्रेस की सोनिया गान्धी सरकार का दौर था जिसका कठपुतली प्रधानमन्त्री था मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री ............ए के एंटोनी ......................

भारत चीन सीमा पर भारतीय वायु सेना की एक एरफील्ड है दौलत बेग ओल्डी .................इस एयर फील्ड को वर्ष 1962 के भारत चीन युद्ध के समय तैयार किया गया था जिसका उपयोग 1965 से बंद कर दिया गया था ..इसका एक कारण ये भी था की इस एयर फील्ड का उपयोग करने लायक जहाज ही भारतीय वायु सेना को कांग्रेस की सरकारों ने उपलब्ध नही कराए थे ........फिर 1965 के बाद से वर्ष 2008 ये एयरफील्ड बंद ही रही ......................अब आप अंदाज लगा सकते है की इस दुर्गम इलाको में तैनात भारतीय सेनाओं के लिए जरुरी उपकरण और हथियारों तथा सेना की तैनाती का माहौल कैसा रहा होगा ..............................उस दौर में इन इलाको में तैनात किसी फौजी से अगर आप उसके अनुभव पूछेंगे तो उन अनुभवों को सुन के आपकी आँखों में खून उतर सकता है .......कि कितनी मादरजात और देशद्रोही रही है कांग्रेस की सरकारे और नेहरु गांधी परिवार .....

भारत की सुरक्षा से कांग्रेसी खिलवाड़ का ये माहौल यूँ ही 43 वर्षो तक जारी रहा ............................इसी दौर में भारतीय वायु सेना की वेस्टर्न एयर कमांड के चीफ का पद सम्हाला पी के बारबोरा ने ................उन्होंने जब अपने दायित्वों की लिस्ट चैक की तो उन्हें पता चला की उनके अंडर में एयर फ़ोर्स में 60 स्टेशन है जिसमे दौलत बेग ओल्डी का एडवांस लैंडिंग ग्राउंड भी शामिल है .जब उन्होंने इस ALG की हकीकत पता की तो उन्हें जानकारी दी गयी कि ये ALG वर्ष 1965 से बंद है .फिर उन्होंने इसके सन्दर्भ में वायु सेना की उन पत्रावलियो को चैक किया जो दिल्ली में भारत सरकार के साथ दौलतवेग ओल्डी के दुबारा सञ्चालन का आदेश लेने से सम्बंधित थी ........इसकी जांच में ये जानकारी बाहर आई की वायु सेना ने पांच वार भारत सरकार से इस ALG के पुनः सञ्चालन की गुजारिश की थी और उसे हर बार ठुकरा दिया गया था ................................

इस जानकारी के बाद वेस्टर्न एयर कमांड के चीफ ने निर्णय लिया की अगर वह भारत सरकार से इस ALG को दोबारा आपरेशनल करने की परमीशन मांगेगे तो सरकार पुरानी फाईले मगा कर पिछले निर्णय के अनुसार ही ना कर देगी अतः वह भारत सरकार से परमिशन लिए बिना ही सीक्रेट रूप से इस ALG को पुनः सक्रिय करेगे और फिर इस काम को अंजाम देने के पहले उन्होंने सबसे पहले वायु सेना के कुछ अधिकारियों को भरोसे में लिया और उसके बाद दौलतबेग ओल्डी ALG में टीमे भेज के आवश्यक सर्वे किये गए उसके बाद वेस्टर्न एयर कमांड के चीफ ने भारतीय वायु सेना के एयर चीफ मार्शल और भारतीय सेना के चीफ से एक निजी मुलाक़ात के जरिये इस प्रोजेक्ट पर डिस्कसन किया और उसके बाद भारतीय वायु सेना ने भारत चीन सीमा पर स्थित इस ALG को सक्रिय किया ......................

इसके बाद 31 मई , 2008, भारतीय वायु सेना के विमान AN-32 ने पांच अधिकारियों को लेकर चंडीगढ़ एयर फ़ोर्स स्टेशन से भारत चीन सीमा पर स्थित एयर फ़ोर्स के ALG दौलत बेग ओल्डी के लिए ये सीक्रेट उड़ान भरी

और जब भारतीय वायु सेना का यह जहाज भारत चीन सीमा में स्थित AGL पर सफलतापूर्वक उतर गया और बापस उड़ान भर के बापस चंडीगढ़ आ गया तब भारतीय वायु सेना ने अपने इस सीक्रेट मिशन की जानकारी तत्कालीन सोनिया मनमोहन सरकार को दी थी ........................ इस घटना के बाद तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटोनी ने भारतीय वायुसेना से सवाल किया था कि अब हम इस घटना पर चीन सरकार को क्या जबाब देंगे ......

पवन अवस्थी