ये पोस्ट उन सभी के मुँह पर जोरदार थप्पड़ जो कहते हैं कि वैदिक विज्ञान से एक सूई नहीं बनाई आजतक जबकि हम कहते हैं सबसे समृद्धि ज्ञान-विज्ञान व संस्कृति सनातन ही थी, सनातन ही है, और सनातन ही रहेगी। (आर्या सिमरन✍️)
यह #गर्भ_प्रतिमा #कुंडादम_वडक्कुनाथ_स्वामी_मंदिर (कोयंबटूर से लगभग 90 किमी) की एक दीवार पर खुदी हुई है।
कल्पना कीजिए कि एक्स-रे की खोज से एक हजार साल पहले उस समय के लोगों को यह जानकारी कैसे मिली होगी। मंदिर की अन्य दीवारों पर, हर महीने अजन्मे बच्चे की स्थिति की एक मूर्ति उकेरी गयी है। #Fertilization_process से लेकर भ्रूण के 1 महीने से लेकर 9 महीने तक की आकृति है । मतलब #Electron_Microscope से लेकर X- Ray तक से देखे जाने वाली आकृति।
फिर भी हमें साँप पकड़ने वाला देश और अनपढ़ देश कहा गया एकमात्र वामपंथी इतिहासकारों द्वारा। सनातन हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पुराना, पहला और अंतिम वैज्ञानिक धर्म है।धर्म होता केवल एक ही है बाकि सब व्यक्तिगत बनाए मत होते हैं। सनातन से निकली शाखा ही केवल पंथ कहलाती हैं सनातन ने दुनिया को विज्ञान दिया, उसे दृष्टि दी, जीने की कला दी, साहित्य दिया, संस्कृति दी, विज्ञान दिया, विमान का विज्ञान दिया, चिकित्सा विज्ञान दिया, अर्थशास्त्र दिया। सनातन धर्म लाखों, करोड़ो वर्षों से वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहा है, हमारे ऋषियों ने विज्ञान की नींव रखी है। सनातन ऋषियों ने अपनी हड्डियों को पिघलाने के बाद, विज्ञान और दर्शन को दुनिया के लिए दृश्यमान बना दिया है। पूरी दुनिया कभी भी सनातन ऋषियों के ऋण से मुक्त नहीं होगी, हमारे ऋषियों ने दुनिया को बहुत कुछ दिया है।