लीजिए पेश है, ब्रिटेन की पहली शरियत एयरलाइन्स, नाम है "फिरनास एयरवेज" और इसके मालिक हैं बांग्लादेशी मूल के काज़ी शफीकुर्रहमान.
इस एयरवेज़ में एयरहोस्टेस का हिजाब पहनना अनिवार्य होगा, तथा यात्रियों को शराब एवं पोर्क (सूअर का माँस) नहीं परोसा जाएगा. इसके अलावा शरीयत में जो-जो प्रतिबंधित है, वह सब इस एयरलाइन्स में भी प्रतिबंधित होगा...
सचमुच ब्रिटेन के साथ यह "इस्लामिक सामाजिक रेप" होता देखकर बहुत मजा आ रहा है. वह ब्रिटेन ही था, जिसने जहाँ-जहाँ भी शासन किया, वहाँ-वहाँ धार्मिक-जातीय संघर्षों के बीज बोए. जहाँ-जहाँ से उसने सत्ता छोड़ी, वहाँ-वहाँ ब्रिटेन ने उस देश को अंतहीन संघर्षों में उलझाने वाली राजनीति दी.
चाहे भारत हो, पाकिस्तान हो, अफगानिस्तान हो, म्यांमार हो... हर जगह ब्रिटेन ने ज़हर बोया.... आज "ईश्वरीय न्याय के सिद्धांत" के तहत लीबिया के कर्नल गद्दाफी की वह बात सच हो रही है, कि हम बिना एक भी गोली चलाए 2050 तक ब्रिटेन पर इस्लामी शासन स्थापित कर लेंगे.
"सेकुलरिज़्म" और "मल्टी-कल्चर" के नाम पर ब्रिटेन (और यूरोप) ने अपने यहाँ एशिया-अफ्रीका से आए हुए मुसलमानों को शरण दी, अब उसके नतीजे सामने आने लगे हैं. आज की तारीख में ब्रिटेन के युवाओं (Below 35) की संख्या में आधे मुसलमान हैं, तो स्वाभाविक है कि 2050 तक क्या स्थिति होगी यह बच्चा भी समझ सकता है. लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता...
इतिहास में ब्रिटेन ने "कटहल बोया है, तो अब उसे कटहल ही मिलेगा... आम पैदा नहीं हो सकते".
सो फ्रेंड्स... वेलकम तो "इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ब्रिटेन" इन 2050...
जय सेकुलरिज़्म...