अगर आप चीन के सन्दर्भ में भाजपा और कांग्रेस के नजरिये को आसानी से समझना चाहते है तो इस चित्र के माध्यम से समझ सकते है ............
धूर्त , मक्कार , जलील , देशद्रोही , नीच नेहरु गांधी गिरोह और भारत का वर्तमान विपक्ष जो देशभक्ति का फर्जी रट्टा लगा रहा है इनकी देशभक्ति में खी कोई और कैसा भी सच नही है ..............अंतर सिर्फ इतना है की कांग्रेस की सरकारों में चीन बेधडक भारत की जमीनों पर कब्जा किया करता था और नेहरु गांधी परिवार समर्पण कर देता था इसलिए सीमाओं पर जादा शोर और हलचल नही होती थी ......और भारत अपनी जमीने चीन के हांथो गवा के भी शांत रहा करता था .रही बात आम जनता की तो उस दौर में आम जनता खाने पीने , Choदने , Chuदने , मौज मस्ती , क्रिकेट मैचो और उनके कागजी रिकार्डो में भारत के महाशक्ति बन बनने पर ही गांड उठा के नाच लिया करती थी की हमारा देश बना गया विश्व की ताकत ..............शेष जनता फ़िल्मी दुनिया के रांड और भाँड़ो को अपना हीरो मान के मस्त थी तो देश हित के मुद्दों पर कौन सोचे , कौन सोचता की देश की सीमाओं पर क्या क्या नुक्सान हो रहा है ...........................किसे चिंता थी की भारत की सीमाए असुरक्षित है .मिलिट्री ढांचा और हथियारों की हालात चिंताजनक है .अतः आम जनता थी मस्त .........................कांग्रेस की सरकारे घोटालो और लूटपाट में ब्यस्त थी .रही बात चुनाव जीतने की तो चुनावी वेला में अनुदान,छूट , चुनावी पॅकेज .दारु , मुर्गा ,रिश्वत, जातिवाद ...........हिन्दुओ की आपसी फूट .इन सबके जरिये कांग्रेस चुनाव जीत ही लिया करती थी ..........................अब मोदी के दौर में भारत की सीमाओं पर शोर और मुठभेडे इसलिए होती है ..................क्योकि जब दुश्मन भारत की जमीनों पर आँख उठाता है तो उसकी गांड में बांस डाल देती है मोदी सरकार .............हाँ चूँकि ये मिलिट्री मुठभेडे है और ये सीमित युद्ध , मोबाईल पर सुरक्षित स्वेक्षिक वीडियो गेम खेलने जैसे आरामदायक और सुरक्षित नही अतः इनमे अपना भी नुक्सान होता है अर्थात धन और जन हानि ...............
लेकिन पहले के दौर में एक अंतर था धन और जन हानि उस समय भी होती थी साथ में भारत की जमीने भी दुश्मन कब्जा लेता था पर आज भारत अपनी सीमाओं की भरपूर रक्षा कर लेता है ...................... पवन अवस्थी