इस पोस्ट पर सिर्फ वह लोग ही चर्चा करे ....जो लोग टेलीविजन और विचार गोष्ठियों में कालातीत हो चुके लोगो से प्राप्त जानकारी को ही अंतिम जानकारी नही मानते है .जो लोग इन मामलो में अतीत से अगर परिचित है तो वर्तमान के पल पल के घटनाक्रमों से भी ..................................
पोस्ट में जिक्र है भारत विरोधी एक मीडिया पोर्टल का .....................पत्रकार का नाम है कारन थापर .और पूर्व नौकरशाह है निरुपमा राव जो कांग्रेस के दौर की नौकरशाह रही है ...................ये वही लोग है जब चीन भारत की सीमाओ में घुस के कब्जा कर लिया करता था तो कांग्रेस की सरकारे आत्मसमर्पण कर दिया करती थी ....................मनमोहन सरकार के समय में भारत चीन सीमा के इलाके में जब चीन ने घुसपैठ की थी तो उस समय मनमोहन सरकार ने भारत की सेनाओं को ना सिर्फ पीछे हटने का आदेश दिया था बल्कि भारतीय सेनाओं को आदेश दिया था कि वह अपनी चौकियो को नष्ट करके पीछे हट जाए .............................इस पोस्ट को अपने कमेन्ट के साथ शेयर किया है एक रिटायर्ड मिलिट्री अधिकारी ने .....................उनका नाम हम इसलिए नही लिख रहे क्योकि विचार गोस्ठियो की सीमित दुनिया में कालातीत लोगो के पुराने हो चुके ज्ञान और जानकारी को ही सर्वस्व समझने वाले तालीपीटक और टेलीविजन पर आसमान फाड़ देनी वाली खोखली आवाजो को सुन खुश होने वाले बड़े वाले देशभक्त लोग नाराज हो जायेगे ........................अब एक मुद्दा यह है की जो लोग अतीत में भारत के हितो को नुक्सान पहुँचने पर अपना मुहं सिले आरहे हो जिनका एजेंडा ही राष्ट्रवाद और भारत विरोधी रहा हो ऐसे पत्रकारों या चुप्पे नौकरशाहों से ही देशभक्ति सीखनी जरुरी है ...या हमे उन लोगो पर भरोसा करना चाहिए जो इस समय देश की सेनाओं और इंटेलिजेंस एजेंसियों के जिम्मेदार पदों के प्रमुख है ..............और उस सरकार पर भरोसा करना चाहिए जो चीनी आक्रामकता के खिलाफ नेहरु इंदिरा राजीव नरसिम्हाराव और मनमोहन की तरह चुप्पी नही साधती ........आत्मसमर्पण नही करती ...देश की जनता से घटनाओं को नही छिपाती .चीन के सामने झुक कर आत्मसमर्पण नही करती .बल्कि चीन की हर हरकत पर पूरी शिद्दत से जवाब भी देती है फिर चाहे .भारत के बाहर भूटान के पास डोकलाम का इलाका हो या वर्तमान का सीमा कनफ्लिक्ट .....!!!