यह परेश धनानी है जो गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं
रमजान के दौरान उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा कि रमजान को ध्यान में रखकर लॉकडाउन के नियमों में छूट छूट दी जाए और मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत दिया जाए
अब इनके ही पार्टी के समर्थन से जीते जिग्नेश मेवानी के एक दोस्त हितेश चावड़ा ने एक शांतिदूत वकील के माध्यम से गुजरात हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल किया की रथयात्रा के दरम्यान कोरोना बहुत तेजी से फैल सकता है इसलिए इस पर रोक लगाई जाए
और जैसा आप सबको पता है कि सारे कोर्ट में वामपंथी विचारधारा के जज भरे पड़े हैं उन्हें सारी कमियां सिर्फ हिंदू त्योहारों में नजर आती हैं उन्हें बकरीद में जानवरों का गला काटना तो एक परंपरा नजर आता है लेकिन जली कुट्टू पर बैल दौड़ाना जानवरों पर क्रूरता नजर आती है
ताजिया जुलूस में छोटे-छोटे बच्चों या बड़े द्वारा या हुसैन या हुसैन बोलकर लहूलुहान हो जाना हमारे जज साहब को परंपरा नजर आती है लेकिन मानव श्रृंखला बनाकर दही हांडी फोड़ना हमारे जज लोगों को बहुत खतरनाक परंपरा नजर आती है वह इंची टेप लेकर खड़े रहते हैं कि दहीहंडी की ऊंचाई कितनी होनी चाहिए
खैर रथ यात्रा पर जज साहब ने रोक तो लगा दिया
फिर जब कांग्रेस के नेता परेश धनानी से इस बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि मैं इस पर कुछ नहीं बोल सकता यह तो अदालत का फैसला है
मतलब जब मुसलमानों का त्यौहार हो तब ये मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहते हैं कि नियमों में छूट दिया जाए लेकिन जब हिंदुओं के त्यौहार की बात आती है तब यह कहते हैं मैं चुप रहूंगा