चीन ने नेपाल सरकार की लापरवाही के कारण नेपाल के उत्तरी गोरखा में स्थित रुई गांव पर कब्जा कर लिया है, हालांकि नेपाल के प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली के लिए चीनी "युआन" राष्ट्रीय क्षेत्रीय अखंडता की तुलना में कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं, इसलिए उन्होंने भारत के क्षेत्र पर एकतरफा खोखला दावा किया जबकि चीन को नेपाली जमीन कब्जियाने की खुली छूट दे दी,
तिब्बत व् शिनजियांग पर आक्रमण चीन द्वारा किसी उकसावे के बाद नहीं किया गया था बल्कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की महत्वाकांक्षाओं के कारण ऐसा हुआ था।
संभव है नेपाल के प्रधानमंत्री ओली पूरे नेपाल को ही चीनी कम्युनिस्ट शासन में शामिल करने की तैयारी कर रहे हों, नेपाल के प्रधानमंत्री ओली पाकिस्तान के उसी नक्शेकदम पर चल रहे हैं जिसपर चलते हुए 1963 में पाकिस्तान ने आधिकारिक सीमा समाप्त कर 1,942 वर्ग किलोमीटर (750 वर्ग मील) की कश्मीर भूमि चीन को सौंप दी थी,
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की योजना है की देश के अधिकारियों और बड़े नेताओं को हनी ट्रैप में फँसाओं, उन्हें दुनिया भर के ऐशोआराम व् विलासिता उपलब्ध करवाओ, उस देश के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व पर अपना प्रभाव स्थापित करने के बाद उनकी विदेश नीति हाईजैक कर लो और फिर उन देशों को उन्ही देशों का शत्रु बना दो जो अबतक उनसे मित्रता निभाते आये हैं और उनकी रक्षा व् सहायता करते आये हैं, उदाहरण पाकिस्तान-अमेरिका और नेपाल-भारत सम्बन्ध,
और फिर धीरे धीरे अपने काबू में किये इन देशों से मनचाहे समझौते कर पूरे देश को ब्याज के जाल में फंसाकर उनके रणनीतिक एसेट्स हथिया लो और उन्हें अपनी कॉलोनी बना लो और अंत में उनपर कब्जा कर लो और वहां चीनी हान सभ्यता स्थापित कर दो।