नेपाल के कम्युनिस्ट प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली आजकल जो कर रहे हैं दरअसल उनसे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी करवा रही है
आप सोचिए कि यह कम्युनिस्ट कितने नीच और दोगले होते हैं इनकी भारत या अपने देश के प्रति कभी भी वफादारी नहीं रहती इनकी वफादारी सिर्फ अपने कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति रहती है
सीताराम येचुरी जब चीन गए थे तब शी जिनपिंग से मिलने के बाद जो ट्वीट किया वह आप पढ़िए और सोचिए यदि ये कम्युनिस्ट पार्टी कभी भारत में सत्ता पर आ गए तब भारत का क्या हाल करेंगे
इनका ट्वीट ठीक उसी तरह का है जैसे किसी कंपनी का सेल्स मैनेजर अपनी कंपनी के सेल्स हेड से मिलने के बाद करता है
आखिर भारत की किसी राजनीतिक पार्टी का बॉस चीन का राष्ट्रपति कैसे हो सकता है ? और चीन का राष्ट्रपति भारत के किसी पार्टी के नेता को क्या टारगेट दे सकता है ? और वह टारगेट क्या है और वह कौनसा टारगेट है जिसे अचीव करने में सीताराम येचुरी जी जान से लगे हुए हैं ?
और हां यह जो कन्हैया कुमार बड़ी-बड़ी बातें करता है वह भी इस पार्टी का पदाधिकारी है और इसी पार्टी से चुनाव लड़ा था और जहां से कन्हैया कुमार चुनाव लड़ा था वहां से नेपाल सीमा ज्यादा दूर नहीं है
अब आप कल्पना करिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की भारत को तोड़ने की कितनी गहरी साजिश है