आजकल बहुत से वामपंथी पत्रकार यह लिख रहे हैं कि 2003 में अटल बिहारी बाजपेई ने तिब्बत पर चीन के कब्जे को मान्यता दिया था और तिब्बत को चीन का हिस्सा स्वीकार किया था
मैंने नेट पर सर्च किया तो घोर भारत विरोधी बीजेपी विरोधी हिंदी विरोधी बीबीसी हिंदी में 2003 में चीन के राष्ट्रपति जियांग जेमिन और अटल बिहारी बाजपेई के बैठक की खबर मिली और उस बैठक में क्या बोला गया वह मिला अब आप जूम करके सच्चाई पढ़िए
अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने तिब्बत को एक परोक्ष तौर पर मान्यता दिया था लेकिन पूरे तिब्बत को नहीं बल्कि यह क्लियर कहा था कि तिब्बत का कुछ हिस्सा जो मिंग डायनेस्टी के समय में तिब्बती लामा ने कब्जा किया था वह चीन का हिस्सा हो सकता है और बदले में चीन के राष्ट्रपति जियांग जेमिन ने कहा था कि चीन अब सिक्किम को भारत का अभिन्न अंग का दर्जा देगा लेकिन वामपंथी पत्रकार बड़ी धूर्तता से अर्ध सत्य बता कर आप को गुमराह कर देते हैं