जब सेना के प्रमुख रहने के दौरान जनरल वीके सिंह ने कांग्रेस सरकार को यह चिट्ठी लिखी थी और तीन पत्र का कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने प्रोटोकॉल के तहत प्रेस कॉन्फ्रेंस किया क्योंकि सेना प्रमुख का यह कर्तव्य है यदि सेना के पास हथियार गोला बारूद नहीं है तब वह सरकार से मांग करें और यदि सरकार ना सुने तब सेना प्रमुख सार्वजनिक रूप से यह बता सकता है किस सेना के पास सारे हथियार खत्म हो गए हैं
उसके बाद कांग्रेस सरकार ने सेना को हथियार और गोला-बारूद नहीं मुहैया करवाया बल्कि जनरल वीके सिंह के खिलाफ जांच बिठा दिया कि कुछ न कुछ गलत मिले क्योंकि पहले के जमाने में ज्यादातर बच्चे घर में पैदा होते थे और कोई डेट ऑफ बर्थ का कुछ नहीं होता था तब कांग्रेस सरकार को यह पता लगा कि जनरल वीके सिंह की डेट ऑफ बर्थ में गड़बड़ी है तब उसने उनके डेट ऑफ बर्थ को आधार बनाकर उन्हें पद छोड़ने का आदेश दिया
जनरल वीके सिंह सुप्रीम कोर्ट में गए और सुप्रीम कोर्ट में विजयी होकर वापस आए
सोचा आपको याद दिला दूं कि यह नीच कांग्रेस किस तरह से सेना के जवानों अधिकारियों यहां तक कि सेना के प्रमुख का मनोबल तोड़ती थी