Ghanshyam Prasad's Album: Wall Photos

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हम जब विदेशों में जाते हैं तब बार-बार यही सोचते हैं कि आखिर इतना विकसित भारत क्यों नहीं है?

दरअसल भारत को बर्बाद करता है भारत का आरक्षण सिस्टम जो प्रतिभाओं को नष्ट कर देता है और दूसरा भारत का वंशवाद या फिर लालफीताशाही

मैं एक बेहद छोटे से देश स्वीडन में था ..स्वीडन का भ्रमण करते करते मैं यह जानकर चौक गया कि पूरे स्वीडन में एक-दो नहीं बल्कि हजारों बड़े-बड़े हथियार जैसे बंदूक पनडुब्बी शिप तोप कैनन इत्यादि की फैक्ट्रीज है और इस देश की जीडीपी का 20% सिर्फ हथियारों को एक्सपोर्ट करके मिलता है

स्वीडन भारत सहित विश्व के कई दूसरे देशों को हर साल करोड़ों यूरो का हथियार एक्सपोर्ट करता है

स्वीडन ने बहुत विशाल इलेक्ट्रिक हाईवे बनाया है जिसमें सड़क के ऊपर बिजली के तार होते हैं और एक ऐसी ट्रक चलती है जिस ट्रक में बिजली के मोटर होते हैं और इस इलेक्ट्रिक हाईवे की अलग लेन होती है और 200 की स्पीड में ट्रक इस इलेक्ट्रिक हाईवे पर चलते हैं ना कोई प्रदूषण फैलता है ना डीजल लगता है और बहुत तेजी से माल का परिवहन होता है

स्वीडन ना सिर्फ रिवाल्वर बंदूक बल्कि बड़े-बड़े तोप भी बनाता है और आपको बोफोर्स तोप याद होगा उस बोफोर्स तोप को बनाने वाली कंपनी होवित्जर भी स्वीडन की है

मैं अपनी स्वीडन की यात्रा के दौरान बोफोर्स की फैक्ट्री का भी भ्रमण किया था और यह जो फोटो आप देख रहे हैं वह बोफोर्स तोप के फैक्ट्री के सामने का है

और मैं यह देख कर चौक गया भारत के बहुत से प्रतिभाशाली युवक इन फैक्ट्रियों में अच्छी रैंक पर जॉब कर रहे हैं मुझे कई त्रिपाठी जी मिले सिंह साहब मिले जो इन फैक्ट्रियों में काम करते हैं

आखिर भारत के इस प्रतिभा पलायन यानी ब्रेन ड्रेन का क्या कारण है ? इसके पहले भी मैंने आपको फिनलैंड के कई लोगों से मिलवाया था जो लोग आईआईटी से एमटेक करके फिनलैंड की कई यूनिवर्सिटी में रिसर्च कर रहे हैं फिनलैंड की में वैज्ञानिक हैं और वह सभी का एक ही कहना था शायद भारत को हम की जरूरत नहीं है इसीलिए हम यहां परदेस में हैं

जिन प्रतिभाओं को भारत आरक्षण के नाम पर ठुकरा देता है वही प्रतिभाएं विदेशों में जाकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाती है एक बार आप कभी यूरोप के किसी बड़े फैक्ट्री में जा कर देखिए आपको कितने भारतीय उसने काम करते नजर आएंगे

दूसरी चीज जो मुझे अच्छी लगी यूरोप में बहुत अच्छा डिसिप्लिन है भारत की तरह नहीं है कि छोटी-छोटी बात पर धरना प्रदर्शन शुरू हो जाए वहां लोग अपने काम से काम रखते हैं कोई फालतू की बात नहीं होती