ये जर्मनी की 24 वर्षीय फुल्ली एम्पोवर्ड सेक्युलर लिब्रल बुद्धिजीवी युवा वामपन्थी राजनेता हैं, अपनी पार्टी की प्रवक्ता भी हैं, जो जर्मनी में शन्तिदूत रिफ्यूजियों को बसाने की पक्षधर हैं, अपने एजेंडे के प्रति इतनी समर्पित हैं की जब इनके प्रिय उन्ही शन्तिदूत रिफ्यूजियों में से 3 शन्तिदूतों ने एक दिन इन्हें पकड़कर इनका सामूहिक बलात्कार कर दिया, तो मोहतरमा ने पुलिस में जाकर झूठी शिकायत दर्ज करवाई की जर्मन नागरिकों ने उनके साथ छिनैती की वारदात को अंजाम दिया,
मैडम ने वास्तविकता इसलिए नहीं बताई क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं सत्य सामने आने से शन्तिदूतों रिफ्यूजियों के प्रति स्थानीय जर्मन नागरिकों में द्वेष की भावना न घर कर जाए, और वे शन्तिदूत रिफ्यूजियों को जर्मनी में बसाने का विरोध करना न शुरू कर दें, इसीलिए इन्होंने स्वयं के बलात्कारी शांतिदूतों को बचाने हेतु अपने ही देश के अपने ही साथी जर्मन नागरिकों पर झूठा आरोप लगा दिया।
इन त्याग व् समर्पण की प्रतिमा मोहतरमा के मित्रों को जब वास्तविकता पता चली तो उन्होंने बताया कि उसी क्षेत्र में एक और जर्मन महिला संग भी शांतिदूत रिफ्यूजियों ने बलात्कार किया था, अतः उसे पुलिस को सच बताना चाहिए अन्यथा ये घटनाएं ऐसे ही चलती रहेंगी, तब जाकर मैडम ने सच बोला।
अब इस एक घटना से आप वामपन्थीयों की धूर्तता का अनुमान लगा लीजिये की अपने एजेंडा के लिए वे खुद का बलात्कर करने वालों के बचाव हेतु अपने ही देश के निर्दोष साथी नागरिकों को बदनाम करने से भी संकोच नही करते, वामपंथियों की धूर्त प्रकृति हर देश में एक ही सी होती हैं क्योंकि वे देश की सीमाओं और राष्ट्रवाद को नही मानते, और जहां रहते हैं उसी स्थान को असुरक्षा, अव्यवस्था, अराजकता, आर्थिक बदहाली व् अंत में ग्रह युद्ध की ओर धकेल देते हैं।