कलाम साहब को भारतीय मिसाईल का पित्रपुरुष माना जाता है और कलाम साहब की कल्पना थी एक ऐसे हथियार की जिसकी गति इतनी हो के दुश्मन को पलक झपकाने का मौका न मिले, जो सटीक इतना हो के दुश्मन का पीछा कर उसे मार डाले, जिसका सीधा नियंत्रण इसके चलाने वाले की इंद्रियों से हो और जो अपना काम कर लौट कर अपने चलाने वाले व्यक्ति के पास लौट आये.....
साथियों ने कहा कलाम साहब ये कैसे होगा दुनियाँ में ऐसा अद्भुत हथियार तो अमेरिका वालों के पास तक नहीं...
कलाम साहब बोले.... उनके पास नहीं पर हमारे पास तो रहा है.... #कृष्ण_का_सुदर्शन_चक्र..... बस हमें वही बनाना हैं....
और भारतीय वैज्ञानिकों ने बस चंद सालों की मेहनत से इस हथियार को बना कर तैयार कर दिया...... सोच के देखिये सिर्फ चंद सालों बाद भारत से चला ये सुदर्शन सिर्फ 2-3 मिनट में इस्लामाबाद में तबाही फैला देगा और लौट के भी आजायेगा..... चाहेंगे तो चलाने के बाद टार्गेट बदल लेगा, टार्गेट चलता फिरता हुआ तो पीछा कर मारेगा, और एक साथ कई टारगेट खत्म कर देगा...... कोई राडार पकड़ न पायेगा और पकड़ भी लिया तो रोकने का कोई विकल्प ही नहीं....... ये तो अपना काम करेगा ही करेगा