असली गांधी के वंशज दिल्ली और सूरत के वृद्ध आश्रम में धक्के खाते रहे और अंत में सूरत के वृद्धाश्रम में मरे और एक लावारिस की तरह दाह संस्कार हो गया
जी हां महात्मा गांधी के पौत्र कनुभाई गांधी और उनकी पत्नी 15 साल तक गुमनामी में दिल्ली के एक वृद्ध आश्रम में रहे बाद में वह 8 साल तक सूरत के वृद्धाश्रम में रहे और वही दोनों पति पत्नी का देहांत हुआ और वृद्ध आश्रम संचालकों ने उनका दाह संस्कार किया
इधर नीच फर्जी गांधी दिल्ली में 8 बंगले कब्जा कर के बैठे हैं वह भी पूरे 27 कमरों का और विशाल लॉन वाला वह भी बिल्कुल मुफ्त में