Ghanshyam Prasad's Album: Wall Photos

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सुषमा जी ने मंत्रालय छोड़ा, साथ ही सरकारी बंगला छोड़ फ़्लैट में शिफ़्ट हो गई. सरकार थी, तबियत ख़राब थी, ना कोई प्रश्न करता ना कोई हटाता - पर यही संस्कार थे ।

जेटली जी ने मंत्रालय छोड़ा, छोड़ते ही सरकारी बंगला छोड़ा सुषमा जी की ही तरह ।

शिवराज जी जैसे ही मुख्य मंत्री पद से हटे बस एक सप्ताह में ही मुख्य मंत्री आवास ख़ाली ।

अटल जी की मृत्यु हुई. उनकी दत्तक बेटी को SPG सुरक्षा भी मिल रही थी और बंगला भी. संस्कार थे दोनों ही मना कर दिए. एक सामान्य नागरिक की तरह अब वह कहीं रह रही हैं ।

वहीं देश का एक परिवार है. माँ अभी तक अपने पति को दसकों पूर्व अलॉट हुआ बंगले पर क़ब्ज़ा किए है साँप जैसे कुंडली मारे बैठी है । बेटे को दूसरा बंगला मिला है, अजगर की तरह सांस ऊपर-नीचे करता हुआ लोट-पोट लगा रहा है । बेटी जो किसी पद पर नहीं है, जिसके पति शायद भारत के सबसे बड़े भू माफ़िया हों,उसे भी तीसरा बंगला मिला हुआ है, सालों जब ख़ुद ना ख़ाली किया तो अब सरकार ख़ाली करा रही है, पर हर समर्थक भड़का हुआ, राजकुमारी बंगला क्यों ख़ाली करें ?
अब कौन समझाए, ज़माने बदल गए जब राष्ट्रपति केवल इस योग्यता पर बन जाते थे कि उनके हाथ के बने पराँठे अच्छे लगते थे महारानी को ।

Welcome to democracy प्रियंका मैडम. लोकतंत्र में सुविधा और पावर पद / योग्यता की होती है, दादी से नाक मिलती है इस आधार पर बंगले गाड़ी नहीं मिलते ।
वैसे यदि मैं पावर में होता तो इस लुटेरे परिवार को इसकी असली जगह पर भेज देता ।
(मूल पोस्ट नितिन त्रिपाठी जी की कुछ संसोधन के साथ) ।