मैं आपको अपने गांव की घटना से समझाता हूँ की इस देश में डेमोक्रेसी का कैसा दुरुपयोग होता है, .
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इज़रायल के प्रधानमंत्री का कहना है की हम 70 साल से इंतज़ार कर रहे थे, ..
आखिर भारत ने इसराइल को इतना इंतज़ार क्यू करवाया, ...
जवाब है वोट बैंक, .. तुष्टिकरण !!
अभी दो दिन पहले मैंने नरसिम्हा राव जी के भाषण का ज़िक्र किया था जिसमे उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान का पहली बार नाम लिया, ..
और मेरा सवाल भी यही था, .. भारत को 14 साल लग गए पाकिस्तान का नाम लेकर ऊँगली उठाने में, .. कारण ?? वही वोटबैंक और तुष्टिकरण !!
इस देश के लिए डेमोक्रेसी अभिशाप है, ..कारण ये की यहाँ के लोगों में डेमोक्रेसी के लायक परिपक़्वता नहीं है, .. एक अनपढ़ मजदूर की सोच की तुलना क्या टाटा या अम्बानी की सोच से हो सकती है ??
लेकिन वोट के तराजू पर दोनों बराबर है, .. 100 मूर्ख एक समझदार पर भारी हैं, .. इसीलिए यहाँ की राजनीति में वैसे ही लोग चुने जाते हैं जैसी यहाँ की जनता की सोच है,
गांव के एक परिवार ने गांव के मुख्य सड़क की ज़मीन कब्जा कर ली, ...
गाँव के सर्वे वाले नक्शे में एक त्रुटि के चलते वो सड़क उनके घर के नंबर में दर्ज दिख रही थी, .. लोगों ने विरोध किया,..
मामला मुखिया और पंच तक भी गया, .. लेकिन उस परिवार में लगभग तीस लोग है, . तीस लोगों का परिवार मतलब कम से कम 15 वोट, ..
अब गाँव के चुनाव में इतने वोट बहुत मायने रखते हैं, .. सो स्थानीय लेवल पर उनका कुछ नहीं बिगड़ा, .. फिर लिखित शिकायत की, .. मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, . इन्क्वारी हुई, ..
जांच में ब्लॉक ने माना की नक्शा गलत हो गया, . इसको DCLR कार्यालय से ठीक करवाना पड़ेगा, .. अब ब्लॉक की तरफ से DCLR को पत्र भेज दिया गया, .. पत्र भेजे हुए दस साल हो गए, ..
5 साल पहले एक RTI भी भेजी गयी की उस पत्र पर क्या करवाई हुई, वो RTI भी धुल फांक रही है DCLR कार्यालय में, ..
कारण ये है की स्थानीय स्तर पर राजनीतिज्ञ जिस तरह से अपने वोटबैंक को खुश करते हैं वही बात राष्ट्रीय स्तर पर भी परिलक्षित होती है, ..