आहार, निन्द्रा,भय ओर मैथुन(सेक्स) ये चार काम जानवर ओर इंसान में समान है ,तो फिर वो पांचवा काम क्या है जो जानवर से इंसान को श्रेष्ठ बनाता है,जानवर भूख के लिए दरदर भटकता है और पेट भर लेता है इंसान भी काम धंधे से पेट भरता है,डर जानवर को भी लगता है इंसान को भी लगता है निंन्द जानवर इंसान दोनो को आती है और #सेक्स जानवर इंसान दोनो करते है।
पर #पांचवा काम जानवर को इंसान से अलग करता है क्यो की जानवर का कोई धर्म नही होता जानवर की कोई संस्क्रति नही होती ओर #इंसान का देश धर्म संस्क्रति राष्ट्र और जीवन पद्धति होती है।
#नोट जो लोग देश धर्म राष्ट्र संस्क्रति नही मानते उन्हें आप #जानवर कह सकते हो क्यो की ये वो जानवर है जो सिर्फ खाते पीते हगते मुतते है और सेक्स बच्चे पैदा करते है इन्हें देश धर्म से नही अपने लालच ओर सत्ता संसाधनो की भूख से मतलब होता है।
अतः जानवर ओर इंसान के बीच उचित दूरी होनी चाहिये इन जानवरों से अपने रिश्तेदारों दोस्तो को दूर रहने का कहिए कही ये आपके अपनो को जानवर न बनादे।
वामपंथी इंसानों को जानवर बनाते है और सेकुलर पाखंडी उनका सहयोग करते है।
जो लोग देश धर्म संस्क्रति के पालक है वो इंसान है और जो देश धर्म संस्कृति के विरोधी है वो जानवर है।