Ghanshyam Prasad's Album: Wall Photos

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व्हाइट हाउस चीफ मार्क मेडोस के अनुसार यदि भारत की चीन के संग कोई भी आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट होती है तो अमेरिकी सेना भारत के पक्ष में खड़ी होगी

याद दिला दें कि फ्रांस ने भी यह घोषणा की थी कि यदि भारत की चीन संग कोई भी आर्म्ड कनफ्लिक्ट होती है तो फ्रांस भारत को पूरा मिलिट्री सपोर्ट देगा

वर्तमान समय में भारत के क्लाउट का अनुमान मात्र इसी से लगाया जा सकता है, कि जहां विश्व की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति और विश्व की 6ठवीं सबसे बड़ी सैन्य शक्ति सीधे-सीधे भारत के पक्ष में उतरने की घोषणा कर चुकी है, वहीं चीन अकेला खड़ा है।

वैसे अब यदि इस पूरे एपिसोड की लार्जर पिक्चर देखें तो सार यही निकल कर आता है कि चीन ने भारतीय इलाका कब्जा करने का प्रयास किया भारतीय मिलिट्री ने उन्हें रोका चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर घात लगाकर हमला किया, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने चीनी सीमा में घुसकर उनके 100 से अधिक सैनिक मार दिए और चीनी सेना के एक कर्नल को उसके अंगरक्षक मारकर जिंदा उठा लाये, और चीनी सेना द्वारा बनाया गया टेंपरेरी टेंट भी फूंक आये,

जिसके बाद भारत ने वीरगति प्राप्त अपने 20 सैनिकों का आंकड़ा विश्व के सामने रखा और लुटा पिटा चीन अपनी जनता से मारे गए सैनिकों के आंकड़े छुपाता फिरता रहा, जबकि बाद में चीनी सेना के ही एक पूर्व अधिकारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि चीन ने भारत के संग हुई झड़प में 100 से अधिक सैनिक खोये हैं,

वहीं दूसरी ओर इस पूरे एपिसोड के बाद भारत ने चीन की आर्थिक नकेल कसनी शुरू कर दी, चीनी ऐप बैन कर दिए, सरकारी कॉन्ट्रेक्ट्स से चीनी कंपनियों को निकाल दिया गया, चीनी उत्पादों पर इंपोर्ट ड्यूटी मल्टीफोल्ड बढ़ानी शुरु कर दी, चीन से आए उत्पादों को कस्टम क्लीयरेंस तक देना रोक दिया और धीमा कर दिया,

अपने 20 सैनिकों के वीरगति प्राप्त करने से आक्रोशित भारत की जनता ने भी चीनी वस्तुओं का बहिष्कार शुरू किया इससे चीन को एक आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है

और अब सुनने में आ रहा है कि भारत के पदचिन्हों पर चलते हुए अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और अन्य देश भी चीनी एप्स पर प्रतिबन्ध लगाने जा रहे हैं, जिनसे चीन को और आर्थिक कष्ट होगा,

साथ ही चीन के 2 सबसे बड़े बाजार अमेरिका और यूरोपियन यूनियन जिस प्रकार से आजकल चीन के विरोध मुखर ता पूर्वक वक्तव्य जारी कर रहे हैं मुझे अचरज नहीं होगा यदि यह भी चीन के उत्पादों पर विभिन्न प्रकार के टैक्स लगाने शुरू कर दें और चीन से अपने आयात को निरंतर कम करते जाएं।

अब यदि मोटा मोटा हिसाब लगाएं तो चीन ने लद्दाख में घुसपैठ का प्रयास कर पाया तो कुछ भी नहीं उल्टे