चंबल के डकैतों की एक खास बात थी कि उन्होंने कभी भी किसी महिला पर किसी बहन बेटी पर बुरी नियत नहीं रखी
यदि किसी गैंग के डकैत ने किसी महिला पर बुरी नियत रखी तक चंबल के डकैतों ने खुद ही उसे मार दिया
एक किताब में मैंने डकैत मोहर सिंह की एक सत्य घटना पढ़ी थी जो मीना कुमारी ने एक इंटरव्यू में बताया था
फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे की शूटिंग के लिए पूरी यूनिट चंबल गई थी धर्मेंद्र भी थे कमाल अमरोही भी थे मीना कुमारी थी और दूसरे तबलची इत्यादि थे तभी एक शख्स वहां आता है और डायरेक्टर और निर्माता से पूछता है कि आप लोग यहां किसकी इजाजत से शूटिंग कर रहे हैं निर्माता कहते हैं ग्वालियर के जिलाधिकारी से ..तब वह व्यक्ति कहता है यहां के जिलाधिकारी हम हैं।
फिर निर्माता जब उनका नाम पूछते हैं तब वह कहता है मोहर सिंह.. उसके बाद पूरी यूनिट थरथर कांपने लगी थी मीना कुमारी एकदम पसीने से तरबतर हो गई थी फिर डकैत मोहर सिंह ने कहा आप लोग घबराइए मत आप लोग हमारे मेहमान हैं आप आराम से शूटिंग करिए आपको किसी भी बात की कोई कमी नहीं होगी उसके बाद मीना कुमारी ने कहा था कि मेरे मन में फिर चंबल के डकैतों के प्रति एक सम्मान जैसा भाव जागृत होने लगा था
विकास दुबे सही मायने में रावण था। इलाक़े के गरीब ब्राह्मणों की बेटियाँ अगवा करवा के शादी करवाया करता था। उसका भतीजा अमर दुबे, जो दो दिन पहले मारा गया उसका दिल इलाक़े की ही कॉलेज जाने वाली एक लड़की पर आ गया। विकास दुबे ने उसे उठवा लिया और उसकी शादी अपने घर पर जबरन करवा दी। शायद यही लड़की सीता साबित हुई और इस कलयुगी रावण की पाप की लंका को ध्वस्त हुई
दुख इस बात का है कि मात्र 9 दिन में वह लड़की विधवा हो गई