Ghanshyam Prasad's Album: Wall Photos

Photo 656 of 5,346 in Wall Photos

मै पत्रकारिता करके पैसे कमाना चाहता हूँ #रवीश की तरह कोंगी कोई आफर दो .....

नई दिल्ली : पीएम मोदी ने सत्ता पर काबिज होने से पहले ही कहा था कि वो ना तो खुद खाएंगे और ना किसी और को खाने देंगे. उन्होंने काले कुबेरों व् लुटेरों को सजा दिलाने के लिए ना केवल नोटबंदी का फैसला लिया बल्कि जांच एजेंसियों को भी पूरी निष्पक्षता के साथ भ्रष्टाचारियों के पीछे लगा दिया. अब एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जिसमे कांग्रेस के तीन बड़े नेता फंसते हुए नज़र आ रहे हैं.कांग्रेस आलाकमान की गर्दन आयी शिकंजे में खुफिया एजेंसियों ने कर्नाटक कांग्रेस मंत्री डीके शिवकुमार के अहमद पटेल और पी चिदंबरम के साथ वित्तीय लेनदेन का पता लगाया है. पता चला है कि शिवकुमार वर्ष 1999 से ही कांग्रेस हाईकमान के लिए अहमद पटेल और चिदंबरम के माध्यम से मनी बैग के रूप में काम कर रहे थे यानी अहमद पटेल और चिदंबरम के माध्यम से पैसा कांग्रेस आलाकमान तक पहुँचता था.
वर्ष 2000 से तो नियमित रूप से बड़े वित्तीय लेन-देन शुरू हो गए, जब शिवकुमार एस एम कृष्णा सरकार में शहरी विकास मंत्री बने. हालांकि शिवकुमार की शुरुआत एस एम कृष्णा के खासमखास के तौर पर हुई, जो दिग्गज बिल्डरों को शहरी विकास मंत्रालय के प्रोजेक्ट दिलवाकर उनसे दलाली वसूल करता था. मगर जल्द ही शिवकुमार ने बूढ़े हो चुके एस एम कृष्णा को साइड किया और अहमद पटेल और चिदंबरम के माध्यम से 10 जनपथ के साथ सीधा संपर्क स्थापित कर लिया.
हवाला के जरिये हो रहा था गोरखधंधा
खुफिया एजेंसियों ने आयकर जांच टीम के साथ अपने निष्कर्षों की पुष्टि की और कहा कि चुनाव आयोग को उनके द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर शिवकुमार के खिलाफ स्पष्ट तौर पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया जा सकता है. इस जानकारी के मुताबिक़ शिवकुमार की वर्तमान में संपत्ति 840 करोड़ रुपये है, जो कुछ ही साल पहले के मुकाबले कई गुना हो गया है.
2013 में, शिवकुमार ने अपनी संपत्ति 250 करोड़ रूपये घोषित की थी. यदि इसकी तुलना 2008 के उसके चुनाव हलफनामे से करें तो पता चलता है कि उन पांच वर्षों में शिवकुमार की संपत्ति में 176 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई. तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के डीए केस के जजमेंट के आधार पर शिवकुमार पर तुरंत केस दर्ज किया जा सकता है.
आयकर विभाग की विश्लेषण रिपोर्ट अहमद पटेल और चिदंबरम से जुड़े व्यक्तियों के माध्यम से कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के साथ शिवकुमार के पैसे के लेन-देन के सबूत भी उजागर करती है. मतलब शिवकुमार भ्रष्टाचार करके उसकी रकम को कांग्रेस आलाकमान तक पहुंचा रहा था.

कांग्रेस आलाकमान लूट में शामिल
जब जांच एजेंसियों ने शिवकुमार और उसके परिवार से संबंधित फर्मों के कंपनी रजिस्ट्रार के रिकॉर्डों को सत्यापित करना शुरू किया, तो उन्हें बहुत सारी गड़बड़ियां दिखीं. नोटबन्दी के दौरान भी शिवकुमार के बैंगलोर और दिल्ली के घरों से भारी मात्रा में कालाधन बरामद हुआ था और आयकर विभाग अब शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व द्वारा शिवकुमार के माध्यम से काले धन को सफ़ेद बनाने के गोरखधंधे के विश्लेषण के अंतिम चरण में पहुंच चुका है.
खुफिया एजेंसियों ने बताया कि कर्नाटक में हो रहे भ्रष्टाचार व् लूट का पैसा शिवकुमार के माध्यम से कांग्रेस आलाकमान तक पहुंच रहा था. हर सरकारी प्रोजेक्ट में हो रही लूट के पैसे का एक हिस्सा हवाई व् सड़क के जरिये दिल्ली तक पहुंचाया जा रहा था, साथ ही एक हिस्सा दुबई के हवाला संगठनों तक भी पहुंचाया जाता था.
गाँधी परिवार की बढ़ी छटपटाहट
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीए सरकार के दौरान, मई 2014 तक, खुलेआम कांग्रेस आलाकमान तक लूट का पैसा पहुंचाया गया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अथाह कालेधन को कर्नाटक से दिल्ली तक पहुंचाने के लिए बेंगलुरु व् दिल्ली में बेनामी बैंक खातों का इस्तमाल किया जा रहा था, मगर मई 2014 के बाद अचानक इन बेनामी खातों का इस्तमाल बंद कर दिया गया. इस रिपोर्ट में कुछ बैंक अधिकारियों की भूमिका के बारे में भी जानकारी दी गयी है, जिनकी मिलीभगत के कारण ही बेनामी खातों का सारा खेल चल रहा था.
बताया जा रहा है कि आयकर विभाग अपनी जांच के अंतिम चरण में पहुंच चुका है और शिवकुमार समेत चिदंबरम और अहमद पटेल की गर्दन अब आयकर विभाग की पकड़ से ज्यादा दूर नहीं. इन बड़ी मछलियों के जेल जाते ही इस सारी लूट में गांधी परिवार की मिलीभगत की बात भी सामने आएगी और फिर माँ-बेटे को बची उम्र जेल में काटनी ही पड़ेगी.
कांग्रेस आलाकमान पर शिकंजा कसता जा रहा है और उसकी छटपटाहट राहुल समेत समूची कांग्रेस पर साफ़ देखी जा सकती है. कांग्रेस किसी भी हाल में सत्ता में वापसी चाहती है, ताकि जांच अधिकारियों को प्रभावित करके अपनी गर्दन क़ानून के शिकंजे से बचा सके.
आनंद कुमार