आज न्यायपालिका के दो निर्णयों ने सनातन धर्मियों ,सच्चे भारतीयों और देशभक्तों को यह विश्वास करने को बाध्य कर दिया है कि कुछ कुछ बदल रहा है धीरे-धीरे किंतु लगातार।
केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर का नियंत्रण केरल की वामपंथी सरकार अपने हाथों में लेना चाहती थी । ऐसा एक आदेश भी जारी कर दिया। परंतु त्रावणकोर के राज परिवार और सनातन धर्मियों ने इसका विरोध किया और हाई कोर्ट में इसे चैलेंज कर दिया।हाई कोर्ट ने केरल सरकार के पक्ष में फैसला दिया। फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में गया
आज सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया और आदेश दिया कि मंदिर पर एक कमिटी नियंत्रण करेगी जिसमें सारे सदस्य हिंदू होंगे और त्रावणकोर के राज परिवार के सदस्य भी शामिल होंगे । यह ऐतिहासिक निर्णय है । इसके दूरगामी परिणाम होंगे और धीरे धीरे मगर लगातार हम आगे बढ़ कर मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त करा लेंगे
दूसरा निर्णय है दिल्ली दंगों के अभियुक्त ताहिर हुसैन के संबंध में। कोर्ट ने हुसैन की जमानत याचिका ठुकराते हुए कहा कि यह मामूली घटना नहीं है। इसमें पूरी प्लानिंग के साथ दंगे कराए गए हैं। पिंजड़ा तोड़ ,पी एफ आई , जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी और ताहिर हुसैन ने गहरे षड्यंत्र रच कर खून खराबा किया है और आई बी के अंकित शर्मा को चाकूओं से गोद कर मारा है इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती है
कोर्ट सच के करीब जा रहा है,समझ रहा है यह परिवर्तन सुखद है
निरंतर नारायण