पुलिस स्टेशन में पुलिस के टेबल पर मृत नवजात बच्चे के शव को रखकर रिपोर्ट लिखवाती यह महिला गुजरात के अंबाजी एरिया की है इस महिला को प्रसव पीड़ा हुआ तब उसके परिवार वाले आनन-फानन में जीप में रखकर बगैर मास्क लगाए रात में हॉस्पिटल के लिए निकले
क्योंकि जीप के शीशे पर नाइट कर्फ्यू का पास नहीं लगा था किसी ने मास्क नहीं पहना था तब पुलिस ने उन्हें रोककर नियमानुसार सरकारी कार्रवाई करने लगी इसी दौरान महिला का बच्चा मर गया
यह एक बेहद दुखद घटना है
गुजरात सरकार और गुजरात पुलिस ने एक टीम बनाकर जांच पर लगा दिया है और दोषी लोगों पर कार्रवाई करने का भरोसा दिया गया है इस मामले में केस भी दर्ज कर लिया गया
लेकिन मुझे आश्चर्य हो रहा है गुजरात आम आदमी पार्टी के लोग और गुजरात कांग्रेस को लोग इस घटना में पुलिस को दोषी क्यों ठहरा रहे हैं ??
ठीक यही घटना सूरत में हुई थी वहां मंत्री पुत्र था तब यह लोग पुलिस की शाबाशी कर रहे थे पुलिस कॉस्टेबल सुनीता द्वारा 1 घंटे तक मंत्री के बच्चों को रोककर की गई कार्रवाई को सिंघम की कार्रवाई बता रहे थे और यही काम जब पुलिस आम आदमी के साथ करती है तब यह दोगले पुलिस को ही क्यों गाली देने लगते हैं ??
कम से कम ऐसा दोहरा आचरण तो मत रखो यार
जितेंद्र प्रताप सिंह