गुजरात पुलिस के हर कर्मचारी के फोन में एक ऐसा ऐप होता है जिसके द्वारा वह किसी गाड़ी के नंबर प्लेट का फोटो खींचकर उस ऐप में भेज देता है उसके बाद उस आरोपी के घर पर चालान भेज दिया जाता है आरोपी को 15 दिन के अंदर जुर्माना भरना होता है उसके बाद उस पर ब्याज लगती है बाद में न्यायालय का सम्मन भेज का वसूला जाता है
मेरे घर पर भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में अब तक तीन जुर्माना पत्र आ चुका है और यहां टेक्नोलॉजी एडवांस है कि आप जुर्माना की रकम ऑनलाइन भी चुका सकते हैं
फर्जी चिंगम को इतना ड्रामा करना ही नहीं था वह उनका नंबर प्लेट का फोटो खींच लेती और उसके फोन में जो ऐप है उस ऐप में डाल देती और डिस्क्रिप्शन में उनका अपराध लिख देती
उन आरोपियों के घर खुद-ब-खुद नाईट कर्फ्यू तोड़ने का जुर्माना जो इस वक्त गुजरात सरकार ने निर्धारित किया है उनके घर पर चला जाता जुर्माना के अलावा उन्हें एक समन भेजा जाता है जिसमें आरोपी को उचित कारण बताना पड़ता है कि वह किन परिस्थितियों में नाइट कर्फ्यू तोड़ने को विवश हुआ
यदि परिस्थिति उचित नहीं पाई जाती है तब आरोपी के ऊपर बकायदा मुकदमा चलता है
बस इतनी सी ही बात थी... लेकिन चिंगम दीदी को हीरो बनना था