मई 1991 में राजीव गांधी की दुखद परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। सारा देश शोकाकुल था।उनका परिवार व्याकुल था।उनकी विधवा शोक संतप्त थी
मगर ठीक एक महीने के अंदर जून 1991 में राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना हो गई।
अगले महीने में जवाहरलाल नेहरू ट्रष्ट ने एक आपातकालीन बैठक की और यह निर्णय लिया कि राजीव गांधी फाउंडेशन जवाहरलाल ट्र्ष्ट के भवन में संचालित होगा।
और इसके ठीक तीन दिन के बाद जुलाई 1991 के अंतिम सप्ताह में तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने राजीव गांधी फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपए आबंटित कर दिए।
हत्या के तीन महीने के भीतर फाउंडेशन की स्थापना , निबंधन , कार्यालय भवन का प्रबंध ,100 करोड़ का सरकारी अंशदान.....
इतनी तेज गति से अन्य विकास कार्य होते तो देश कहां से कहां पहुंच गया होता।