Ghanshyam Prasad's Album: Wall Photos

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. सच्चाई
*विद्याशंकर मंदिर की*

*विद्याशंकर_मंदिर (कर्नाटक)* में *१२ स्तम्भ* हैं, जिस पर सौर चिन्ह बनें हुए हैं । हर सुबह *जब सूर्य की किरणें मंदिर में प्रवेश करती हैं तो वे वर्ष के महिनें का संकेत देने वालें एक विशेष स्तम्भ से टकराती हैं।*... *हैं ना आश्चर्य...*

लेकिन, कुछ लोग अज्ञानता के अंधकार में अंधे होकर और मूर्खता के मद में चूर होकर, हिंदू संस्कृति का उपहास उड़ाते हैं और उन लोगों की जानकारी के लिए बता दूं कि इस मंदिर का निर्माण विजयनगर साम्राज्य के दौरान हुआ था और विजयनगर साम्राज्य मध्यकालीन भारत का सबसे विशाल हिंदू साम्राज्य था और हैरत की बात ये है कि मलेच्छ सेना में कभी भी इस साम्राज्य सीधे टकराने का साहस नहीं हुआ। ये विजयनगर वही हिन्दू साम्राज्य है, जिसे हराने के लिए भारत की समस्त मुस्लिम शक्ति इकट्ठा होकर एक संघ में परिवर्तीत हो गई थी और तद-उपरांत उन्होंने इस साम्राज्य पर आक्रमण किया और आश्चर्य देखिए उसके बाद भी मुस्लिम इस साम्राज्य को हरा नहीं पाएं... सिर्फ कुछ समय के लिए इस साम्राज्य की शक्ति सीमित कर दी।

सिर्फ कुछ समय के लिए

क्योंकि, आगे चलकर इसी साम्राज्य में कृष्णदेव राय राजा बना और उसकी महानता, शौर्य, पौरूष, औजस्व और पराक्रम का अंदाज हम बाबर की आत्मकथा से लगा लगा सकते हैं ।

16 वीं शताब्दी में जब बाबर भारत आया तो वो लिखता हैं *"इस समय भारत में २ काफिर रियासतें हैं* और *५ मुस्लिम रियासतें हैं,* इनमें *सबसे शक्तिशाली दक्षिण का राजा कृष्णदेव राय हैं और उसे हराने योग्य शक्ति मुझमें नहीं है"*

इस कथन से *बाबर की विवश्ता और बेबसी दोनों का पता चलता हैं।*

*और*

*ध्यान रखिएगा...*
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*ये मध्यकालीन भारत की बात हैं, जिस समय इस्लामिक शक्ति अपने चर्म पर थी।*

साभार