यह गुजराती में खबर छपी है और शीर्षक है मौत का सौदागर सोचिए
यह लोग कितने नीच होते हैं इस समय कोरोना हर जगह फैला हुआ है और स्विट्जरलैंड की एक कंपनी टोसिलिजुमेब इंजेक्शन बनाती है जिसे एक्टेमेरा कहते हैं इस इंजेक्शन को सिपला कंपनी इंपोर्ट करती है
आजकल इस इंजेक्शन की डिमांड पूरे भारत में बहुत ज्यादा है कई लोग ब्लैक में 60 से ₹70000 में यह इंजेक्शन खरीद रहे हैं
सूरत के सोहेल इस्माइल और उसके पिता और उसके तीन भाइयों ने मिलकर इस आपदा की घड़ी में भी लोगों को मारने और पैसे कमाने लगे
अपने घर पर बकायदा प्रिंटिंग प्रेस बना दिया जिसमें तमाम तरह की मशीनें बना दी और एक पैकेजिंग यूनिट बना दिया और घर पर ही नकली टोसिलिजुमेब यानी एक्टेमरा का इंजेक्शन बनाने लगे और उसे ₹40000 में बेचने लगे और आश्चर्य की बात यह है कि उन्होंने पूरे गुजरात में हजारों ऐसे इंजेक्शन बेच दिए
खुलासा तब हुआ जब एक डॉक्टर ने एक मरीज लता बेन को यह इंजेक्शन लगाया लेकिन इंजेक्शन ने जब कोई असर नहीं दिखाया था डॉक्टर को इंजेक्शन पर शक हुआ और उसने पुलिस में रिपोर्ट किया फिर जब पुलिस कड़ी से कड़ी मिलाकर आगे बढ़ती गई तब उसे एक ऐसी दवा की दुकान मिली जहां पर चार बॉक्स इंजेक्शन थे और उस दवा की दुकान में इन दरिंदों का नाम बताया जो दरिंदे यह इंजेक्शन बनाकर लोगों को मौत के मुंह में धकेल रहे थे और पैसे कमा रहे थे