"नौसेना के बेड़े में अगले साल शामिल होंगे 4 घातक P-8I बोइंग, इसके अलावा छह अन्य विमानों की खरीद पर भी फैसला जल्द"
इंडियन नेवी हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी के लिए अगले साल तक अमेरिका से 4 मल्टी मिशन पी-8 सर्विलांस एयरक्राफ्ट मंगाने जा रही है. इस सर्विलांस एयरक्राफ्ट को अमेरिकी कंपनी बोईंग द्वारा बनाया जाता है. भारत के पास बोइंग से छह और विमानों को खरीदने का विकल्प है.
P-8A Poseidon समुद्री गश्त के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह एयरक्राफ्ट हारपून ब्लॉक II एयर लॉन्च मिसाइल की क्षमता और हल्के टॉरपीडो से लैस है. विमान को लंबी दूरी के एंटी सबमरीन वारफेयर, खुफिया, निगरानी और टोही मिशन के लिए बनाया गया है.
इसका उपयोग अन्य तरह से भी किया जा सकता है. सेना ने चीन के साथ लद्दाख और डोकलाम गतिरोध के दौरान निगरानी के लिए इस टोही विमान पर भरोसा किया था.
इस विमान की रेंज लगभग 2,200 किमी है और यह 490 समुद्री मील या 789 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से उड़ान भर सकता है.
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि अभी छह और पी-8आई विमानों की खरीद के लिए बातचीत शुरू होनी बाकी है.
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ गतिरोध से काफी पहले नवंबर 2019 में रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा छह P-8I की खरीद को मंजूरी दे दी गई थी. हिन्द महासागर में चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यह बेहद उपयोगी माना जा रहा है.
हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा था कि विदेशी सैन्य बिक्री के तहत पी-8आई समुद्री सर्विलांस विमान की खरीदारी की कीमत सवा दो लाख करोड़ रुपये (3.1 मिलियन डॉलर) के आसपास हो सकती है. इस सौदे में 30 फीसदी ऑफसेट क्लॉज अनिवार्य होगा. इसका मतलब निर्माण कार्य का 30 फीसदी कार्य भारतीय कंपनियां करेंगी. सौदे के तहत 10 पी-8आई समुद्री गश्ती विमान नौसेना बेड़े में शामिल किये जायेंगे. इसके बाद भारत के पास पी-8आई विमानों की कुछ क्षमता 22 हो जाएगी.