दिल्ली हिन्दू नरसंहार के कसाई 'आप' पार्षद ताहिर हुसैन और क्रिप्टो जेहादी वायर पत्रकार अरफा खानम शेरवानी का गुप्त सम्बंध
कभी आपने सोचा कि:
⭕ आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के बाद 'आप पार्षद' शांतीदूत आतंकवादी ताहिर हुसैन की सहायता कौन कर रहा था?
⭕ दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से ठीक पहले आतंकी ताहिर हुसैन को किसने आश्रय दिया और किसने मीडिया के समक्ष उसके साक्षात्कार की व्यवस्था की थी?
उत्तर है 'द वायर' की क्रिप्टो जेहादी पत्रकार आरफ़ा ख़ानम शेरवानी,
जब ताहिर हुसैन आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा की नृशंस व् बर्बरतापूर्ण हत्या के बाद पुलिस से छिपता फिर रहा था तब वायर की पत्रकार अरफा खानम शेरवानी ने ही कई राष्ट्रीय मेनस्ट्रीम मीडिया चैनलों में बैठे अपने दोस्तों से संपर्क साधा और ताहिर हुसैन का इंटरव्यू कर उसे प्रसारित करने के लिए उनसे निवेदन किया।
वायर जर्नलिस्ट अरफा खानम ने उस समय 'आप' पार्षद व् आतंकी ताहिर हुसैन की मदद की थी जब वह आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के बाद फरार होकर पुलिस से छिपता फिर रहा था, ताहिर हुसैन का जो वीडियो बयान मीडिया को जारी किया गया था, वह भी आरफा खानम शेरवानी द्वारा ही रिकॉर्ड किया गया था,
आरफा खानम शेरवानी ने न केवल ताहिर को पुलिस से छुपने में मदद की, बल्कि कई मुख्यधारा के मीडिया चैनलों से भी संपर्क किया और उसकी गिरफ्तारी से पहले ताहिर हुसैन का साक्षात्कार करने की गुहार लगाई, आरफ़ा खानम ने एक मस्जिद के अंदर ताहिर हुसैन के साक्षात्कार की व्यवस्था भी की,अरफा खानम शेरवानी ने ही ताहिर हुसैन को मीडिया के सवालों के जवाब देने और विक्टिम कार्ड खेलने के तरीके के बारे में प्रशिक्षित किया था
जब खालिद सैफ़ी और ताहिर हुसैन द्वारा दिल्ली में हिंदुओं का नरसंहार शुरू किया गया तब भी वायर की पत्रकार आरफ़ा खानम शेरवानी ताहिर हुसैन के संपर्क में थी जिसके बाद ताहिर हुसैन को छिपाने की व्यवस्था की गयी तथा उसे मीडिया हैंडल करने और नैरेटिव स्पिन करने की ट्रेनिंग दी गयी,
जामिया क्षेत्र में एक मस्जिद के अंदर ही साक्षात्कार की व्यवस्था की गई, साक्षात्कार के तुरंत बाद, ताहिर हुसैन ने आत्मसमर्पण करने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली पुलिस द्वारा उसे उससे पूर्व ही गिरफ्तार कर लिया गया।
ताहिर हुसैन ने अब दिल्ली दंगों से पूर्व ही पिस्टल, बुलेट्स, तेजाब, पेट्रोल, ईंट पत्थर और बम इकट्ठा करने और दिल्ली दंगों में सक्रिय भूमिका निभाने की बात पुलिस के सामने स्वीकार कर ली है, साथ ही यह भी खुलासा किया कि कैसे उसने मुस्लिम युवाओं को हिंदुओं पर हमला करने के लिए और दिल्ली में दंगों के दौरान हिंदू दुकानों व् घरों को जलाने के लिए अपनी बिल्डिंग की छत से उनपर तेजाब ईंट पत्थर और पेट्रोल बम का उपयोग करने के लिए काम पर रखा था।
जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प इस साल फरवरी में भारत के दौरे पर थे तब उसी समय दिल्ली में सुनियोजित हिन्दू विरोधी हिंसा आगजनी और नरसंहार को अंजाम दिया गया था जिस केस में आम आदमी पार्टी पार्षद ताहिर हुसैन और उसके भाई को दिल्ली दंगों की साजिश रचने और हिंदुओं की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है ।
आरफा खानम जिन्होंने स्वयं एक बार सार्वजनिक घोषणा की थी कि "हमारा अंतिम उद्देश्य भारत में इस्लामी शासन स्थापित करना है, लेकिन इसमें कई कदम और रणनीतियाँ शामिल होंगी और तब तक हमें यह दिखाना होगा कि हम समावेशी सेक्युलर हैं।"
आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा की हत्या के बाद ताहिर हुसैन जब पुलिस से छिप रहा था तभी उसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे जिनमें वह हथियार लेकर चलता हुआ मुस्लिम भीड़ का नेतृत्व करता दिख रहा है और भीड़ चांद बाग इलाके में हिंदुओं पर बम फेंक रही थी और गोलियां चला रही थी।
इसके बाद पुलिस जब ताहिर हुसैन को खोज कर रही थी, उस समय आरफा खानम ने ही उसे एक मुस्लिम बस्ती में शरण दिलवाई और ताहिर हुसैन को व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षित किया कि कैसे मीडिया के सवालों का जवाब दे।
आरफा खानम ने ताहिर हुसैन को बचाने हेतु एक योजना भी तैयार की थी जिसमें पहले ताहिर हुसैन मीडिया को विशेष साक्षात्कार देता जिसमे विक्टिम कार्ड खेलकर अपने लिए सहानुभूति का जुगाड़ करता और फिर स्वयं को लॉ अबाइडिंग सिटीजन दिखाने हेतु अदालत में आत्मसमर्पण कर देता, परंतु दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन को इससे पूर्व ही गिरफ्तार करते हुए इस पूरी योजना को विफल कर दिया, जबकि अरफा खानम के इशारे पर वकील पहले से ही ताहिर हुसैन के आत्मसमर्पण आवेदन के साथ अदालत में उपस्थित थे।
पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि ताहिर हुसैन और खालिद सैफ़ी को दिल्ली में हिंसा के लिए अंतरराष्ट्रीय फंडिंग मिल रही थी और वो जाकिर नाइक और तथा कुछ आतंकी संगठनों से संपर्क में था।