तो क्या एक और साधु की हत्या का इंतज़ार कर रहा यह देश...???
लाउडस्पीकर पर अज़ान की तरफदारी करने वाले फ़र्ज़ी सेक्युलर और लिबरल हिंदुओं के लिए यह पोस्ट...
जहाँ इनकी संख्या ज्यादा हो जाती है तब, जहा इनकी आबादी कम होती है वहाँ भाईचारा चलता है । लेकिन कोई बात नही जब पूरे भारत में इनकी आबादी ज्यादा हो जाएगी जब सारे हिन्दू त्रस्त हो जायेंगे तब विरोध चालू होगा लेकिन तबतक देर हो चुकी होगी और सब अपने पूर्वजो को कोसेंगे की जब ये सब हो रहा था तो सब साथ क्योँ नही थे जब इनकी नियत में खोट की भनक लग गई थी तो अपनी बारी का इंतजार क्योँ कर रहे थे।