इस ढपोरशंख शंकराचार्य ने आज तक कभी भी हिंदुत्व चेतना जगाने के लिए एक भी काम नहीं किया आज तक। महँगी गाड़ियों में घूमना और बैठ कर पेट बढ़ाना ही इनका काम है। जहां एक ओर मौलवी मौलाना काजी जी जान लगा कर मुस्लिम समाज को एकजुट बनाये हुए हैं वहीं ये हिन्दू धर्म के ठेकेदार हिंदू धर्म के प्रति जनजागरण का एक काम नहीं करते। इनकी उदासीनता का ही परिणाम है कि हिंदुओं में जातिवाद चरम पर है,धर्मान्तरण बढ़ता जा रहा है और दलित समाज हिन्दू धर्म से विमुख होता जा रहा है।