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सही दिशा में उठ रहा एक और सही कदम, अमेरिका ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन भारत के सबसे बड़े और लाभदायक एक्सपोर्ट पार्टनर में से हैं, और इनके संग फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भारत और इनके भी हित में होगा,

अमेरिका ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन लंबे समय से भारत से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने की मांग करते रहे हैं, और अब लगता है कि भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार है और मन बना चुका है,

इस निर्णय से ना केवल अमेरिका ब्रिटेन और यूरोपीयन यूनियन के बाजारों में भारतीय उत्पाद अधिक कम्पेटिटिव और आकर्षक हो जाएंगे और चीन के उत्पादों को सीधे काउंटर करेंगे, बल्कि भारतीय बाजारों में भी उच्च गुणवत्ता विदेशी वाले उत्पाद कम कीमतों पर उपलब्ध होंगे जो सस्ते और लो क़्वालिटी चीनी उत्पादों का भारतीय बाजार में कड़ी टक्कर देंगे।

आपको बता दें कि अमेरिका ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन तथा भारत का चीन के संग एक बहुत बड़ा व्यापार घाटा है और भारत का चीन संग व्यापार घाटा तो 51 बिलीयन डॉलर तक है, अतः यदि चीन संग व्यापार घाटा कम करना है तो अपने सहयोगी और मित्र देशों के संग व्यापार को बढ़ाना होगा और उसके लिए लिया गया यह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का निर्णय एक सकारात्मक कदम साबित होगा,

इस निर्णय से ना केवल अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, ब्रिटेन और भारत, चीन के संग अपना व्यापार घाटा कम कर सकेंगे बल्कि व्यापार घाटे के माध्यम से चीन को मिलने वाले धन और चीन की आय को भी एक बहुत बड़ी चोट पहुंचा सकेंगे जिससे कि आक्रमक, विस्तारवादी और आताताई चीन के पास मिलट्री स्पेंडिंग के लिए फंड कम होना शुरू हो जाएगा, और कम फंड के कारण इनको कोई भी मिलिट्री मिसएडवेंचर करने में भी भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा

और यदि केवल भारत के संदर्भ में ही सरल शब्दों में कहूं तो एक तरफ तो भारत को हाई परचेसिंग पावर वाली डेवलप्ड अर्थव्यवस्थाओं के बाजारों में अपने उत्पाद आकर्षक कीमतों पर बेचने को मिलेंगे जिससे भारत को इन बाजारों में व्यापार द्वारा मिलने वाला लाभ बढ़ेगा, साथ ही भारत का धन चीन जैसे शत्रु के पास ना जाकर भारत के सहयोगी और मित्र देशों के पास ही जाएगा जो लांग टर्म में भारत के लिए हितकारी है।
रोहन शर्मा