बेहतर होता कि भारतीय रेल के इस डब्बे को 'जिसमें हमारे भाई बंधुओं को निर्दयता से जलाया गया था', उसे भी अयोध्या धाम के श्री राम मंदिर परिसर के एक कोने में इसी अवस्था में म्यूजियम के तौर पर रखा जाय।
ताकि प्रभु श्री राम के दर्शन को आए श्रद्धालुओं को इस पवित्र दर्शन के पीछे की बलिदानी की अनुभूति हो।
साथ ही साथ भाईचारे की बात करने वाले बेशर्म सेक्युलर हिंदुओं को इसे देख थोड़ी बहुत बची शर्म आ जाये।