जब टोटी भैया सीएम होते हुए हज हाउस का उदघाटन करने अपने अब्बा के साथ गए थे, जब संवैधानिक पद की गरिमा का खयाल नही आया था? या सेकुलरिज्म की ढकोसलेबाजी में यह सब मान्य है?
आज मोदी जी के अयोध्या जाने पर प्रश्न करने वाले सभी लोग पहले अपने गिरेबाँ में झांक लें, मोदी जी तो फिर भी अपने भगवान की पूजा करने जा रहे हैं..!!