जय श्री कृष्ण जी।।
हाथ कस के पकड़ ले,
मेरा सांवरे,
मैं छुड़ाना भी चाहूँ,
छुड़ा ना सकूँ,
मेरी हार साँस पे,
श्याम लिख इस तरह,
मैं मिटाना भी चाहूँ,
मिटा ना सकूँ,
हाथ कस के पकड ले,
मेरा सांवरे,
मैं छुड़ाना भी चाहूँ,
छुड़ा ना सकूँ।।
मुझको लूटने का डर,
जग के मेले में है,
पाँच डाकू भी संतो के,
रेले में है,
ठगनी माया की,
मीठी सी बातो में मैं,
कभी आना भी चाहूँ तो,
आ ना सकूँ,
हाथ कस के पकड ले,
मेरा सांवरे,
मैं छुड़ाना भी चाहूँ,
छुड़ा ना सकूँ।।
हाथ में तेरे जब तक,
मेरा हाथ है,
मुझको छुले कोई,
किसकी औकात है,
श्याम प्यारे तू,
सदा मेरे साथ है,
मैं भूलाना भी चाहूँ,
भुला ना सकूँ,
हाथ कस के पकड ले,
मेरा सांवरे,
मैं छुड़ाना भी चाहूँ,
छुड़ा ना सकूँ।।
हाथ कस के पकड़ ले मेरा सांवरे,
मैं छुड़ाना भी चाहूँ,
छुड़ाना सकूँ,
मेरी हार साँस पे,
श्याम लिख इस तरह,
मैं मिटाना भी चाहूँ,
मिटा ना सकूँ,
हाथ कस के पकड ले,
मेरा सांवरे,
मैं छुड़ाना भी चाहूँ,
छुड़ा ना सकूँ।।
राधे राधे जी।।
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