Bappaditya Banik's Album: Wall Photos

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सन्तप्तायसि संस्थितस्य पयसो नामापि न ज्ञायते
मुक्ता कारतया तदेव नलिनिपत्रस्थितं राजते ।
स्वातयां सागर शुक्तिमध्यपतितं सन्मौक्तिकं जायते
प्रायेणोक्तम मध्यमाधम दशा संसर्गतो जायते ।।
You can't even notice a hint of a drop of water fallen on the hot iron plate. The same drop shine like a Pearl on a lotus leaf . And in the SWATI NAKSHATRA this drop water fallen inside a Shell becomes a PEARL. Usally excellent, good or bad state of a person depends on a company.
एक बूंद जल जिस प्रकार क्षणभर मे गर्म तवे पर गिर कर ओझल होजाता है, वही बूंद भर जल कमल के पत्ते पर गिर मोती समान चमकता है और यही जल की बूंद स्वाति नक्षत्र सीप पर गिरे तो मोती बनकर निकलती है।
अथार्त अच्छा या बुरा मनुष्य के संगति पर निर्भर है ।
शुभोदयम !
शुभ कामनाएँ ।