शत् शत् नमन् बारम्बार प्रणाम् जिन्होंने हंसते हंसते अपना सब कुछ देश के लिए न्योछावर कर दिया वो चले गए हमें छोड़कर अपनी परवाह किए बिना अपने परिवार से कहीं दूर उस जगह जहां से कोई बापिस नहीं आता है हम उनकी इस कुर्बानी का बदला इस जन्म में तो क्या सात जन्मों तक भी नहीं चुका सकते लेकिन भगवान् से उनकी आत्मा की शांति प्रदान करने की प्रार्थना तो कर सकते हैं ओम् शांति शांति शांति ओम्