navin chandra 's Album: Wall Photos

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दोस्तों, सबसे पहले तो हम सब देशवासियों की तरफ से महान क्रांतिकारी मंगल पांडे जी को शत्-शत् नमन।

क्या आप जानते हैं कि मंगल पाण्डेय जी के संग एक और भारतीय सैनिक चढा था फांसी जिनका नाम आज तक कहीं नहीं लिया गया .. आख़िर कौन था वो दूसरा बलिदानी ??? -

1857 की क्रान्ति के उद्घोष में जहाँ मंगल पाण्डेय ने ब्रिटिश सत्ता को हिला दी थी, लेकिन उसी समय एक और बलिदानी को उनके बाद फांसी की सजा मिली थी, जो उनके साथ खड़ा पूरे मामले को देख रहा था। अफ़सोस इन वामपंथी और झोलाछाप इतिहासकारों ने उनका जिक्र कही भी नहीं किया।

अंग्रेजो के संहार के पूरे मामले में सिपाही #इश्वरीप्रसादपाण्डेय ने भी मंगल पाण्डेय का कहीं न कहीं से साथ दिया था, जिन्हें बाद में मंगल पाण्डे का साथी मान कर फांसी की सजा दे दी गयी थी ..

मंगल पाण्डे के हमले से घायल अंग्रेज अफसर ह्यूसन और वोघ जमीन में पड़ा ईश्वरी प्रसाद पाण्डेय से मदद के लिए चिल्ला रहा था लेकिन ईश्वरी ने ना खुद उसकी मदद की और ना ही किसी और कोई करने दी।

#मंगल पाण्डेय और ईश्वरी प्रसाद पाण्डेय जी की जांबाजी सदा सदा के लिए अमर ही रहेगी। इस मामले में कुछ देश के ही गद्दारो की गवाही ही है, जो बाद में मंगल पाण्डे और ईश्वरी प्रसाद पाण्डे की फांसी का कारण बनी था क्योकि उन्होंने इन दोनों योद्धाओं के खिलाफ गवाही दी थी। इतना ही नहीं जब मंगल पाण्डेय दोनों अग्रेज अफसरों का वध कर रहे थे, तब कुछ गद्दारों ने ना सिर्फ मंगल पाण्डेय की कमर को कस के पकड कर अंग्रेजो की मदद करनी चाहिए बल्कि खुद से भी मंगल पाण्डेय पर हमला किया ..

लेकिन दो अंग्रेज अफसरों को अकेले मार गिराने वाले जांबाज़ मंगल पाण्डेय और ईश्वरी पांडेय ने इन गद्दारों पर भी हमला किया था जिससे उन गद्दारों में भगदड़ मच गयी थी और बाद में गवाही देने के लिए सामने आये थे जिसके बाद पहले मंगल पाण्डेय और उसके बाद ईश्वरी प्रसाद पाण्डेय को फांसी की सजा हुई थी।

महान क्रांतिकारी मंगल पाण्डेय
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1857 की क्रान्ति में गदर मचाकर अंग्रेजी शासन की जडें हिलाने वाले #महान्_क्रान्तिकारी_मंगल_पाण्डे जी को उनकी जयंती पर हम सभी देशवासियों का शत्-शत् नमन..