ईश्वर पटेल's Album: Wall Photos

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हम यहाँ सब अकेले आये है और अकेले ही जाना है और इस संसार में हम कही बार अनुभव भी करते है, परिस्थितियों अनुसार जहाँ लगता है, की हमारे अलावा हमारा कोई नही और यह सत्य भी है इसे स्वीकार कर ही लेना, स्वीकार करने में चूकना बिल्कुल भी नही।

जो यह स्वीकार करने में चूक जाता है, वह अपने आसपास ही अपनी मान्यताओं व धारणाओं के कारण दुःखों का एक बड़ा संसार खड़ा कर लेता है।

अपने आसपास खड़ा किया मान्यताओ व धारणाओं के द्वारा खड़ा किया संसार आपकी प्रगाढ़ इच्छाओ व कामनाओं के कारण आप इस संसार की भूलभुलैया में धीरे धीरे पांव जमाते जाते हो, जिसके कारण आप मानसिक दुःख, अशांति, भृम व नई समस्याओं के माहौल को हर बार बनाते रहते हो।

आप अपने आप को ऐसे दलदल में उतार लेते हो जहाँ से आप का निकलना कई बार असम्भव भी होता है व आप उसके आदि भी हो चुके होते हो और जो परिस्थितियों के बनने बिगड़ने की व्यवस्था को जान लेता है, धीरे धीरे इस दलदल से बाहर निकलने लगता है।

वास्तव में मान्यताओं व धारणाओं के आधार पर बना संसार व्यक्ति को भृम में ही जीवन जीने को मजबूर व उसी दिशा में जीवन के पतन को शुरू कर देता है।