"एक कारसेवक, गोली लगते ही गिर पड़ा और उसने अपने खून से सड़क पर लिखा सीताराम। पता नहीं यह उसका नाम था या भगवान का स्मरण। मगर सड़क पर गिरने के बाद भी उसकी खोपड़ी पर सात गोलियां मारी गई।"
जनसत्ता, 03 नवंबर 1990
इसलिए 5 अगस्त को एक दीया जरूर जलाए ताकि राम मंदिर के लिए गोली खाकर शहीद होने वाले शहीदों को नमन और याद किया जा सके।