उस मादा के लिए तो प्रलय ही आ गई,न खुद बची,न बच्चे को बचा सकी। मानव इतना कृतघ्न है कि बम का परीक्षण एक निर्दोष जीव के भीतर कर डाला। इतना भयंकर कौतुहल केवल मानव ही कर सकता है
क्यो न ईश्वर इस राक्षसी कृत्य के लिए संसार को जलाकर राख कर दे,फिर पूछते हो कोरोना जैसी बीमारी क्यो आती है