अपराधी का निर्धारण उसकी जाति और धर्म से नही अपितु उसके आपराधिक कुकर्मों से होता है।
आजम को सपरिवार जेल मे डाल उसकी जोहर यूनिवर्सिटी नेस्तनाबूद कर दी, मुख्तार अंसारी की संपत्ति पर बुलडोजर चला दिया, CAA विरोधी दंगाइयों की संपत्ति कुर्की करा दी
तीन साल में एक हजार से ज्यादा मुस्लिम अपराधियों का एनकाउंटर कर चुके
तो बाबा अच्छा है
विकास दुबे की संपत्ति मटिया मेट कर दी तो बाबा जातिवादी ब्राह्मण विरोधी हो गये।
अरे ये वो संत है कुछ महीने पहले अतिक्रमण में खुद की जमीन आने पर भी इन्होंने जेसीबी चलवा के दीवाले तुड़वा दी थी।
देश विरोधी, समाज विरोधी हर अपराधी की एक ही सजा होनी चाहिए "सजा ए मौत" चाहे वो किसी धर्म किसी भी जाति का हो..