यह दावा कोई भारतीय कंपनी या भारतीय मनीषी का रहता तो उसे मूर्ख अंधविश्वास अवैज्ञानिक कहा जाता यदि सरकारी नीतियां इस ओर ध्यान केंद्रित करे तो लोग तमाम तरह के आरोप लगाना शुरू कर देंगे। अभी भी वक्त है एलोपैथी पर खर्च हो रहे तमाम बजट को रोककर वापस आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देना ही स्वदेशी और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता कदम होगा
जय सनातन, जय हिंदू राष्ट्र