रितिक रोशन एक उभरता सुपर स्टार था, खान-वुड में वह हिन्दू एक्टर की तरह स्थापित हो रहा था, उसने पहला विवाह भी एक #वांछित कन्या से किया था... फिर क्या हुआ..."इधर से नहीं तो उधर से पकड़ो" सूत्रो के अनुसार उससे जोधा अकबर करवाई गई यानि उसका #बधियाकरण कर दिया गया, रणबीर सिंह अल्लाउद्दीन बन गया... कपूर फैमिली ने उधर अपनी लड़की देकर #धंधा बचा रखा है ज्यादातर उभरते लोगों का ऐसे ही #बधियाकरण किया जाता है...!
देश में एक टीम है जो #वृषभ से #बैल बनाने के काम में लगी है...ज्योंही उन्हें आभास होता है, अमुक व्यक्ति भविष्य में #सांड बन सकता है, वे जाल बिछाकर उसकी #गोटियां निकाल देते हैं... ये अपना फंदा लेकर विविध मायावी उपकरणों से लैस होकर अनवरत इस काम में लगे रहते हैं... यह खेल बहुत ही पुराना है... गाँधी, नेहरू, दिनकर, चरण सिंह, चंद्रशेखर, वीपी सिंह, गुलशन कुमार... इन सबकी एनवक्त पर #गोटियां निकाली गई... कुछ सह गए कुछ मर गए...मराठा चेतना वाले ठाकरे, ओबीसी चेतना वाले लालू मुलायम, दलित चेतना वाली बहिन जी, चुन चुन कर सबकी गोटियां गायब कर दी गई, कुछ के तो थी ही नहीं... #मोहम्मद मदारी बापू की गोटियां ऐसे ही निकाली गई... कई बार गोटी निकालते नहीं है बल्कि उन पर प्लास कस कर छोड़ दिया जाता है और अपने लिए इस्तेमाल किया जाता है, ज्यों ही ना नुकुर की, #प्लास को थोड़ा कसकर झटका दिया जाता है... ऐसे अनेक "जकड़े" हुए लोग जब तब उजागर होते रहते हैं गत दिनों चिन्मयानंद को देखा होगा...?
गैंग एक ही है... स्वामी रामदेव गुलाटी मार कर निकल गए, भाग्यशाली थे... नमो के लिए भी उस्तरा लेकर कई बार कोशिश की जा चुकी है... हिन्दू की आशंका भी यही है कि न जाने कौन कब अपने अखरोट निकलवा बैठे... गोटी निकालने के इस खेल में मात्र तीन लोग बचे हुए हैं- मोदी, योगी और शाह... बस यही पैमाना है वर्तमान में किसी के शक्तिशाली या अशक्त होने का... ये तिकड़ी हिंदुओं को इसी लिए प्यारी है, वे देख रहे हैं कि इतने फंदों के बीच ये स्वयं को #सुरक्षित_कैसे_रख पा रहे हैं... यह तिकड़ी न केवल दुर्जेय है बल्कि इस तिकड़ी ने रिवर्स गैम भी शुरू कर दिया है...प्लास की जकड़न और कराहने क्या चीखने की आवाज उधर से भी अब-अब आती रहती है... मुझे चिंता है आज आप जिनकी पूजा कर रहे हैं,कल को कोई उनकी न निकाल दे... बैल की नियति कोल्हू में पिसने या कसाई के यहाँ कटने में है...#सांड को तो #साक्षात_महादेव अपनाते हैं... #बधियाकरण के जाल से बच गया, समझो जी गया... फंस गया, समझो गया, गया,गया...अंदरखाने ऐसे अनेक प्रयत्न चल रहे हैं, आपको ऑपरेशन के नाम पर, सुंदरता के नाम पर,बड़े बनाने के नाम पर,गंगा जमनी बनाने के नाम पर, सर्व स्वीकार्य छवि बनाने के नाम पर, सच्चा-पक्का #सेक्युलर बनाने के नाम पर, सुंदर भविष्य बनाने के नाम पर बुलाकर लिटाया जाएगा और ##ंड काटकर कुत्तों को खिला दिए जाएंगे... सुशांत का #बधियाकरण #रानी #पद्मावती #फ़िल्म #प्रकरण में दिख गया था... #गोटिया फ़िल्म केदारनाथ में निकाल बाहर की गयी... कहीं #कसाई #बाड़े में जाता उससे पहले ही खुद ही निकल लिया...!!!
जय सनातन, जय हिंदू राष्ट्र